Section 144: धारा 144 क्या है और इसे क्यों लगाया जाता है? जानिए इसके बारे में सबकुछ

Dhara 144 Kya Hai, What is Section 144 in Hindi: क्या आपको धारा 144 के बारे में पता हैं? अगर नहीं तो आज हम इस पोस्ट के जरिए आपको धारा 144 के बारे में पुरे विस्तार से बताएंगे और समझाएंगे.
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What is Section 144 in Hindi: जब देश के कई हिस्सों में उग्र और हिंसक विरोध प्रदर्शन चल रहे हो तो इससे निपटने के लिए राज्य सरकार उन जगहों पर धारा 144 लगा सकती है. लेकिन क्या आपको धारा 144 के बारे में पता हैं? अगर नहीं तो आज हम इस पोस्ट के जरिए आपको धारा 144 के बारे में पुरे विस्तार से बताएंगे और समझाएंगे.

क्या है धारा 144 ( What is Section 144 in Hindi)-

देश में किसी जगह की शांति व्यवस्था को सही रखने के लिए धारा 144 का उपयोग किया जाता है. जब किसी तरह के दंगे, हिसंक प्रदर्शन या विरोध की आशंका हो तो वहां पर धारा 144 लगाई जाती है.

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धारा 144 लगने बाद उस क्षेत्र या इलाके में चार या उससे ज्यादा व्यक्ति एक साथ खड़े नहीं हो सकते हैं. आपको बता दें कि धारा 144 सीआरपीसी (CRPC) 1973 के अंतगर्त आता है. धारा 144 लागू करने लागू करने लिए उस क्षेत्र के जिलाधिकारी द्वारा आधिकारिक बयान जारी करके दी जाती है.

धारा 144 का इतिहास

ये कानून अंग्रेजों के वक्त का है. 1861 में अंग्रेजों द्वारा पहली बार धारा 144 का इस्तेमाल किया गया था. इसके बाद भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सभी राष्ट्रवादी विरोधों को रोकने के लिए यह धारा ब्रिटिश सरकार का एक महत्वपूर्ण साधन बन गई.

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धारा 144 लगने के बाद क्या होता है?

अगर किस क्षेत्र में धारा 144 लागू है तो वहां पर हथियार ले जाने पर पाबन्दी है. इसके साथ ही उस इलाके में इंटरनेट सेवाओं को भी बंद किया जा सकता है.

कितने समय के लग सकती है धारा 144

किसी भी इलाके में धारा 144 को दो महीने से ज्यादा समय के लिए नहीं लगाया जा सकता है. लेकिन अगर राज्य सरकार को लगता है कि उस क्षेत्र में शांति रखने के लिए इसकी जरुरत है तो इसके समय बढ़ाया जा सकता है. इस स्थित में धारा 144 छह महीने से ज्यादा नहीं लगाया जा सकता है. स्थिति सामान्य होने पर इसे किसी भी समय वापस लिया जा सकता है.

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कितनी सजा?

धारा 144 लागू होने की स्थिति में अगर कोई व्यक्ति गैर क़ानूनी तरीके से जमा होता है तो उसके खिलाफ दंगे में शामिल होने के लिए केस दर्ज किया जा सकता है. इसके लिए अधिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान है. इसके साथ ही भारी जुर्माना या दोनों हो सकता है.

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