उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज बाल श्रमिक विद्या योजना की शुरुआत की. इस योजना का लाभ उन बच्चों को मिलेगा जो अपने परिवार को पालने के लिए काम उम्र में बाल मजदूरी करना पड़ता हैं. उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 8-18 वर्षों तक के उन सभी बच्चों को जिन्हें स्कूल में होना चाहिए लेकिन पारिवारिक परिस्थितियों के कारण अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए बाल श्रम करना पड़ता है ऐसे बच्चों के लिए आज एक नई योजना’बाल श्रमिक विद्या योजना’उत्तर प्रदेश में प्रारंभ की जा रही है.
योजना का ऐलान करते हुए सीएम योगी ने कहा कि बाल श्रमिक विद्या योजना’ में 8वीं, 9वीं और 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को प्रति वर्ष 6000 रु. की अतिरिक्त सहायता देने का प्रावधान भी दिया गया है. बाल श्रमिक विद्या योजना’ ऐसी योजना है जिसमें बच्चों व उनके परिवारों के सभी प्रकार के खर्चों को उठाने का दायित्व श्रम विभाग अपने ऊपर लेने जा रहा है.
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छात्राओं को 1200 प्रति माह मिलेंगे
बाल श्रमिक विद्या योजना के पहले चरण में 57 जनपदों में बाल श्रम से जुड़े सर्वाधिक कामकाजी बच्चे अब तक रिकॉर्ड किए गए हैं, वहां 2,000 बच्चों का चयन कर बालकों को 1,000 रूपये व बालिकाओं को 1,200 रूपये प्रतिमाह देने की व्यवस्था के साथ यह योजना लागू हो रही है.