गुरुवार को लोकसभा में तीन तलाक बिल पारित हो गया है। सदन में बिल पर चर्चा के दौरान मोदी सरकार और विपक्ष के बीच जबरदस्त घमासान हुआ और शाम को ट्रिपल तलाक़ बिल पर वोटिंग हुई। ट्रिपल तलाक़ बिल में वोटिंग के पक्ष में 245 और विरोध में 11 वोट पड़े।
एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के सभी संशोधन प्रस्ताव खारिज हो गए। वोटिंग के समय कांग्रेस और एआईएडीएम ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया।
चर्चा के दौरान कांग्रेस, टीएमसी समेत कई विपक्षी दल तीन तलाक बिल को ज्वॉइंट सेलेक्ट कमिटी के पास भेजने की मांग पर अड़े रहे। लोकसभा में तीन तलाक बिल को पास कराने के लिए बीजेपी ने पहले ही अपने सांसदों को व्हीप जारी कर दिया था। स्पीकर ने तीन तलाक बिल पारित होने के बाद लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी.
The Muslim Women (Protection of Rights on Marriage) Bill, 2018 passed in Lok Sabha
#LokSabha #TripleTalaqBill #WinterSession pic.twitter.com/v0R4YXqeOT— Lok Sabha TV (@loksabhatv) December 27, 2018
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि महिलाओं के नाम पर लाया गया यह बिल समाज को जोड़ने का नहीं समाज को तोड़ने का बिल है. उन्होंने कहा कि यह समानता के अधिकार और इस्लाम के भी खिलाफ है.
खड़गे ने कहा कि धर्म के नाम पर यह बिल भेदभाव करता है और धार्मिक आजादी के खिलाफ है. खड़गे ने कहा कि संविधान के मूल्य आधार के खिलाफ सरकार कोई भी कानून नहीं बना सकती है. उन्होंने कहा कि लैंगिग समानता के साथ हम खड़े हैं लेकिन किसी भी कानून में तलाक देने पर पति को मुजरिम घोषित नहीं किया जाता. खड़ने ने स्पीकर से अपील करते हुए कहा कि वो सरकार को इस बिल को ज्वाइंट सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का आदेश दें.
Updated On: December 27, 2018 8:32 pm