बेहद कम समय में बॉलीवुड इंडस्ट्री में ऊंचा मुकाम हासिल करने वाले अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत द्वारा अचानक आत्महत्या जैसा कदम उठाने से हर कोई स्तब्ध है। एक ओर सोशल मीडिया पर जहां लाखों फैंस और सितारे उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो उन्हें बतौर कलाकार शिद्दत से चाहते तो हैं, लेकिन वे आज उन्हें आत्महत्यारा कहकर श्रद्धांजलि देने से गुरेज कर रहे हैं। क्योंकि उन्होंने आत्महत्या करके अपने लाखों-करोड़ों की संख्या में चाहने वालों को आहत किया है। इसके अलावा वह अपनी मौत के पीछे कई ऐसे सवाल छोड़कर गए हैं, जो उनके प्रशंसकों को रास नहीं आ रहे हैं।
फिल्में और कलाकार समाज को आईना दिखाते हैं और प्रशंसकों की जिंदगी में कई बड़े बदलाव का कारण भी बनते हैं। ऐसे में कलाकारों द्वारा समस्या का समाधान न खोजकर आत्महत्या जैसा कायरतापूर्ण कदम उठाना न केवल उनके परिवार बल्कि समाज को भी नकारात्मक संदेश देता है।
सुशांत सिंह राजपूत केस: बॉलीवुड को लेकर भयभीत उभरते कलाकार
समाज से जुड़े अधिकतर लोग अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए फिल्मों से सीख लेते हैं। सुशांत सिंह राजपूत ने भी अपनी कई फिल्मों से समाज को बेहतरीन संदेश दिए हैं। उनकी फिल्म ‘छिछोरे’ आत्महत्या जैसे गंभीर विषय पर ही आधारित है, जिसमें बताया गया है कि आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है। दूसरी ओर ‘एम. एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ में उन्होंने सिखाया कि जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए, लेकिन रियल लाइफ में अपना ही किरदार निभा पाना इतना मुश्किल होगा, शायद किसी ने भी नहीं सोचा होगा।
अभिनेताओं की फिल्मों को जरिया बनाकर लोग अपनी जिंदगी जीने के तरीकों में बदलाव करते हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियां भी अपने उत्पाद को मशहूर बनाने के लिए बड़े-बड़े फिल्मी सितारों, खिलाड़ियों और मशहूर हस्तियों से विज्ञापन करवाती हैं। आम लोगों की नजर में ये फिल्मी सितारे और खिलाड़ी भरोसेमंद होते हैं। जब ये लोग किसी उत्पाद का विज्ञापन करते हैं तो आम लोगों का उस पर भरोसा बढ़ता है और वे उसे आंख बंद करके पूरे विश्वास के साथ इस्तेमाल करने लगते हैं।
यही कारण है कि बड़ी हस्तियों के आत्महत्या करने से कई लोगों का जीवन प्रभावित होता है। जब ये फिल्मी सितारे और मशहूर हस्तियां खुदकुशी करते हैं, तो आम लोग इससे हतोत्साहित होते हैं। उनके इस कायराना कदम से उनके प्रशंसक भी यही सोचते हैं कि उन्होंने इन हस्तियों को फॉलो ही क्यों किया? उनका पसंदीदा अभिनेता उनके जीवन में और भी कई बड़े बदलाव ला सकता था, लेकिन वह उन्हें बीच अधर में छोड़कर क्यों चला गया, उन्हें इसकी अपेक्षा नहीं थी।
जीवन उतार-चढ़ाव का पर्याय है, जीवन में अगर संघर्ष है, कठिनाई है तो समझो जीवन सही। जिंदगी बगैर संघर्ष और कठिनाई के अपंग हो जाती है, क्योंकि ये ही हमारी जिंदगी को खूबसूरत बनाने में अहम योगदान निभाते हैं। कुछ ना कुछ परेशानी हर किसी के जीवन में होती है, लेकिन वह परेशानी इतनी भी बड़ी नहीं होती है कि उसके लिए आत्महत्या ही अंतिम विकल्प है। संकट, परेशानी से दूर भागना सही नहीं है, बल्कि उसका सामना करना ही पुरुषार्थ है, फिर चाहे वह पुरुष हो या महिला।
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संकट आएंगे, जाएंगे, लेकिन जान एक बार चली गई तो वह नहीं आएगी। जान है, तो हर संकट का समाधान है। इसलिए जिंदगी की महत्वता को समझें। बहरहाल, बड़ी-बड़ी हस्तियां अपने लाखों-करोड़ों चाहने वाले बनाते हैं। ऐसे में आत्महत्या जैसा कदम उठाकर, फैंस को नाराज करके दुनिया से चले जाना क्या सही है? इससे उन्हें फॉलो करने वालों का और उनसे जिंदगी की सीख लेने वालों का कहीं न कहीं भरोसा टूट जाता है।
Disclaimer: लेखिका दिल्ली में रहने वाली पत्रकार हैं. ये लेखिका के अपने विचार हैं और इससे न्यूज़ आधार का सरोकार नहीं है.