Sawan 2022: सावन में सोमवार के दिन कैसे करें पूजा, जानिए इसका महत्व

Sawan 2022: सावन महीने में सोमवार का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. कहा जाता है कि, जो श्रद्धालु सोमवार के दिन विधिपूर्वक भगवान शिव की पूजा अर्चना करते है तो उनकी सारी मनोकामनाएं भगवान शंकर पूरी करते है.
Sawan 2022: सावन में सोमवार के दिन कैसे करें पूजा, जानिए इसका महत्व

Sawan 2022: सावन में सोमवार के दिन कैसे करें पूजा, जानिए इसका महत्व

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आज सावन महीने का पहला सोमवार है. कहा जाता है कि, जो श्रद्धालु सोमवार के दिन विधिपूर्वक भगवान शिव की पूजा अर्चना करते है तो उनकी सारी मनोकामनाएं भगवान शंकर पूरी करते है। विशेष रूप से जो दरिद्रता की समस्या से परेशान हो या विवाह में मुश्किल हो रही हो तो सावन के सभी सोमवार व्रत रखने और भगवान शिव की श्रद्धापूर्वक पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है।

आइये जानते है सावन के सोमवार के व्रत का महत्व –

-वैवाहिक जीवन के लिए सावन के सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है, जिससे मनोकामना पूरी होती है।

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-विवाह होने में अडचने आ रही हों तो संकल्प लेकर सावन के सोमवार का व्रत किया जाना चाहिए, इससे भगवन शिव आपकी सारी मनोकामना पूरी करेंगे.

– आयु या स्वास्थ्य बाधा हो या मानसिक स्थितियों की समस्या हो तब भी सावन के सोमवार का व्रत श्रेष्ठ परिणाम देता है

– सोमवार व्रत का संकल्प सावन में लेना सबसे उत्तम होता है, इसके अलावा इसको अन्य महीनों में भी किया जा सकता है

-इसमें मुख्य रूप से शिव लिंग की पूजा होती है और उस पर जल तथा बेल पत्र अर्पित किया जाता है

सावन के सोमवार की पूजा विधि –

1- प्रात: काल स्नान करके ताजे विल्बपत्र लाएं। पांच या सात साबुत विल्बपत्र साफ पानी से धोएं और फिर उनमें चंदन छिड़कें या चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखें।
2- इसके बाद तांबे के लोटे (पानी का पात्र) में जल या गंगाजल भरें और उसमें कुछ साबुत और साफ चावल डालें। और अंत में लोटे के ऊपर विल्बपत्र और पुष्पादि रखें।
3- विल्बपत्र और जल से भरा लोटा लेकर पास के शिव मंदिर में जाएं और वहां शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें। रुद्राभिषेक के दौरान ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप या भगवान शिव को कोई अन्य मंत्र का जाप करें।
4- रुद्राभिषेक के बाद समय होता मंदिर परिसर में ही शिवचालीसा, रुद्राष्टक और तांडव स्त्रोत का पाठ भी कर सकते हैं।
5- मंदिर में पूजा करने बाद घर में पूजा-पाठ करें। इसके बार व्रत वार या गैर व्रत वाला सुविधानुसार प्रसाद ग्रहण करें।