Salary Account Benefits: सैलरी अकाउंट के फायदे क्या है? जानिए यहां सबकुछ

Salary Account Benefits in Hindi: सैलरी अकाउंट वो आकउंट होता है जो कंपनी और बैंक के बीच सहमति के द्वारा खोला जाता है. क्या आपको पता है सैलरी अकाउंट के फायदे के बारे में. अगर नहीं पता है तो आज हम इसके फायदे के बारे में बताएंगे.
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Salary Account Benefits In Hindi: सैलरी अकाउंट (Salary Account) वो आकउंट होता है जो कंपनी और बैंक के बीच सहमति के द्वारा खोला जाता है. बैंक सैलरी अकाउंट को जीरो बैलेंस (Zero Balance Account) पर खोलता है. इस अकाउंट को खोलने के लिए बैंक आपसे कुछ महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट लेती है जैसे- आपका जन्म प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर और आपके घर का एड्रेस प्रूफ आदि.

सैलरी अकाउंट भी अन्य बैंक आकउंट की तरह होते है जिसमे मिनिमम बैलेंस (No Minimum Balance Account) वाली कोई सीमा नहीं होती है और जीरो बैलेंस पर ही खोले जाते है. लेकिन क्या आपको पता है सैलरी अकाउंट के फायदे (Salary Account Benefits) के बारे में. अगर नहीं पता है तो आज हम इसके फायदे के बारे में बताएंगे.

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Salary Account Benefits In Hindi | सैलरी अकाउंट के फायदे

  1. इस अकाउंट की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि ये जीरो बैलेंस खाता होता है जहां अकाउंट में न्यूनतम राशि रखने की कोई जरूरत नहीं होती.
  2. जमा राशि पर कोई ब्याज भुगतान नहीं होता. वहीं बचत खाते में जमा राशि पर 4 से 6 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है जो कि बैंक पर निर्भर करता है.
  3. सैलेरी अकाउंट में 3 महीने तक सैलरी जमा नहीं होती है तो बैंक इसे बचत खाता में बदल देता है.
  4. अगर अकाउंट है तो आपको अन्य बैंकिंग सेवाएं जैसे -क्रेडिट कार्ड, आसान लोन की सुविधाएं, निकासी, ओवरड्रॉफ्ट की सुविधाएं आसानी से मिल जाती हैं.
  5. अगर आप एक बैंक से दूसरे बैंक में अकाउंट बदलने के लिए भी सैलेरी अकाउंट के मामले में बैंक इसका प्रोसेस आसान रखते हैं.
  6. सैलरी अकाउंट पर तो बैंक कई तरह के ऑफर देते हैं. इनमें मुफ्त एटीएम इस्तेमाल करने की सुविधा से लेकर सस्ते बैंक लोन तक की सुविधा होती है.

Types of Account in Hindi | सैलरी अकाउंट के प्रकार

अगर आपका अकाउंट भारतीय स्टेट बैंक में है तो इसको चार भागों में बांटा गया है, जो इस प्रकार है-

  1. सिल्वर श्रेणी- अगर आपकी सैलरी 5000 से 20000 रूपये के बीच में है वो लोग सिल्वर श्रेणी में आएंगे.
  2. गोल्ड श्रेणी- अगर आपकी सैलरी की रेंज 20000 से 50000 रूपये के बीच है वो लोग गोल्ड श्रेणी में आएंगे.
  3. डायमंड श्रेणी- अगर आपकी सैलरी 50,000 से 1 लाख रुपये के बीच है वो लोग डायमंड श्रेणी में आएंगे.
  4. प्लेटिनम श्रेणी- अगर आपका सैलरी 1 लाख से ज्यादा है तो वो लोग प्लेटिनम श्रेणी में आएंगे.

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