भारतीय रेलवे ने अभी हाल ही में अपने १ लाख पदों को भरने के लिए वेकन्सी निकली थी जिसके लिए लगभग २ करोड़ से ज्यादा लोगो ने आवेदन किया था जिसकी अधिकारियों को इतने आवेदन की उम्मीद नहीं थी।
मीडिया खबरों के मुताबिक लगभग 1 लाख भर्ती के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा में देरी हो सकती है। इसका कारण यह है कि 1 लाख रिक्त पदों के लिए रिकॉर्ड 2 करोड़ 37 लाख आवेदन आएं हैं यानि एक पद के लिए 237 दावेदार हैं।
सभी आवेदनों की छटाई में रेल प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। इसके बाद सभी राज्यों में इतनी बड़ी संख्या में एक साथ परीक्षा केंद्रों की बुकिंग दूसरी चुनौती है। यही नहीं प्रवेश पत्र वितरण भी एक अलग समस्या है। जिससे अधिकारियों को निपटना पड़ रहा है।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फरवरी में अधिसूचना जारी होने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि मई में प्रवेश पत्र भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी लेकिन एक लाख रिक्त पदों के लिए दो करोड़ 37 लाख आवेदन आने से रेलवे परेशान में है।
सभी आवेदनों की छटनी में रेलकर्मियों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है। इसके अलावा रेलवे बोर्ड ने विभिन्न पदों के लिए आयु शैक्षिक योग्यता व फीस में संशोधन किए जिस कारण भी अधिकारियों को मेहतन करनी पड़ रही है।
अधिकारी ने बताया कि अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र कब तक वितरण किए जाएंगे और परीक्षा कब तक आयोजित की जाएगी। इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है।
जबकि रेलवे फरवरी-मार्च में दावा कर रहा था कि दिसंबर 2018 तक प्रवेश पत्र जारी करने, परीक्षा कराने, फिजिकल-मेडिकल टेस्ट आदि पूरा कर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी लेकिन मौजूदा हालत को देखते लग रहा है कि परीक्षा समय पर आयोजित नहीं हो सकेगी।