भारत को आज विजयदशमी के शुभ अवसर पर दुनिया का सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान राफेल मिल गया है। भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज फ्रांस से पहला राफेल लड़ाकू विमान हासिल किया। भारत को मिले पहले राफेल का नाम वायुसेना प्रमुख राकेश भदौरिया के नाम पर RB 001 रखा गया है। आपको बता दें कि फरवरी 2021 तक भारत को 18 राफेल विमानों की डिलिवरी होगी और अप्रैल-मई 2022 तक सभी 36 रफाल विमान भारत को मिल जाएंगे.
क्या आपको Rafale Fighter Plane के फीचर्स के बारे में पता है ? अगर नहीं पता है तो आज हम आपको Rafale Jet के खास फीचर्स के बारे में बताएँगे।
फ्रांस की डेसॉल्ट एविएशन कंपनी राफेल विमान को बनाती है जो कि मल्टीरोल फाइटर विमान है. राफेल-A श्रेणी के पहले विमान ने 4 जुलाई 1986 को उड़ान भरी थी जबकि राफेल-C श्रेणी के विमान ने 19 मई 1991 को उड़ान भरी थी.
राफेल विमान की वर्ष 1986 से 2018 तक 165 यूनिट बन चुकी हैं. राफेल A, B, C और M श्रेणियों में एक सीट और डबल सीट और डबल इंजन में उपलब्ध है.
विजयदशमी के शुभ अवसर पर शस्त्रपूजन हमारी परंपरा है, और ऐसे शुभ दिन पर राफाल जैसे फाइटर जेट के भारतीय वायु सेना में शामिल होने की PM @NarendraModi जी, रक्षा मंत्री @RajnathSingh जी व समस्त देशवासियों को मेरी शुभकामनाएं।
यह विमान देश के शत्रुओं से सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा। pic.twitter.com/0i60ThrQV5
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) October 8, 2019
राफेल लड़ाकू विमान ( Rafale Jet) के फीचर
- राफेल में दो पावरफुल इंजन लगे हुए है हुए इसकी लंबाई महज 15.27 मीटर और चौड़ाई विंग स्पैन10.80 मीटर है।
- राफेल लड़ाकू विमान का कुल वजन बगैर हथियारों के 10,300 किलोग्राम है, जबकि हथियार के साथ 15,000 हजार किलोग्राम के आस-पास होगा।
- राफेल की अधिकतम रफ्तार 2,130 किलोमीटर है।
- राफेल 3,700 किलोमीटर की रेडियस में हमला कर सकता है।
- राफेल विमान की ईंधन क्षमता 4,700 किलोग्राम है।
- राफेल विमान 36 हजार से 55-60 हजार फीट तक उड़ान में सक्षम।
- राफेल हवा से हवा में मार करने वाली 8-10 मिसाइलों को एक साथ ले जाने में सक्षम है।
- राफेल 1,312 फुट के बेहद छोटे रनवे से भी उड़ान भर सकता है।
- राफेल लड़ाकू विमान की खास फीचर् यहाँ है की ये 1 मिनट में 55-60 हजार फीट पर पहुंच जाता है।
- इसके पास 15,590 गैलन ईंधन ले जाने की क्षमता।
Rafale Fighter Jet का इन लड़ाकू विमानों से टक्कर है-
राफेल लड़ाकू विमान अत्याधुनिक फाइटर प्लेन यूरोफाइटर टायफून, सुपर हॉर्नेट, एफ-16 ब्लॉक60, मिग-35, को टक्कर दे रहा है. इसका उपयोग अफगानिस्तान, लीबिया, माली, इराक और सीरिया की लड़ाई में भी किया गया है।
दुनिया के लगभग सभी देशों के पास उन्नत और अच्छी किस्म के लड़ाकू विमान हैं. यहाँ तक कि हमारे पडोसी देश पाकिस्तान के पास एडवांस्ड पीढी के विमान जेएफ-17 और अमेरिका से एफ-16 हैं. इसलिए भारत को अब पांचवी पीढ़ी के विमानों की जरुरत है.
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Updated On: October 8, 2019 10:04 pm