Garib Kalyan Rojgar Abhiyaan: देश में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन की वजह से पिछले दो महीने से प्रवासी मजदूरों की हालत बहुत ही ख़राब हुई है. रोजगार से लेकर खाने पीने के लिए इन लोगों को बहुत परेशान होना पड़ा हैं. इसके लिए अब केंद्र की मोदी सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए एक मेगा प्लान तैयार किया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने अब इन मजदूरों को अपने गांव और शहर में ही रोजगार देने के लिए योजना बनाया है. इस योहना के तहत देश के 6 राज्यों में 25,000 मजदूरों को रोजगार मिलेगा. ये वही राज्य है जहा लॉकडाउन के दौरान के सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर वापस अपने घर लौटे हैं। अभियान के तहत 50,000 करोड़ रुपये के सार्वजनिक कार्य कराए जाएंगे.
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गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुभारंभ
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, पीएम नरेंद्र मोदी 20 जून को सुबह 11 बजे बिहार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत करेंगे. यह अभियान बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड के तेलिहर गांव से शुरू किया जाएगा.
क्या है गरीब कल्याण रोजगार अभियान
गरीब कल्याण रोजगार अभियान (Garib Kalyan Rojgar Abhiyaan) के तहत केंद्र सरकार द्वारा देश के 6 राज्यों में स्थित 166 जिलों की पहचान की गई है. जिसमें 116 जिलों में सबसे ज्यादा 32 जिले बिहार के हैं. उसके बाद यूपी के 31 जिले है. मध्यप्रदेश के 24, राजस्थान के 22, झारखंड के 3 और ओडिशा के 4 जिले हैं.
इस गरीब कल्याण रोजगार अभियान योजना का उद्देश्य लॉकडाउन के दौरान लौटने वाले मजदूरों के लिए रोजगार, आजीविका गरीब कल्याण सुविधाओं और कौशल विकास के लाभ को सुनिश्चित करना है.
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केंद्र सरकार ने इन छह राज्यों के 116 जिलों में मनरेगा, स्किल इंडिया, किसान कल्याण योजना, पीएम आवास योजना, जनधन योजना, खाद्य सुरक्षा योजना के साथ-साथ केंद्र की अन्य योजनाओं के तहत मिशन मोड में काम किए जाने का प्लान है.