प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज से आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrut Mahotsav) का शुभारंभ कर दिया है. इस दौरान पर पीएम मोदी साबरमती आश्रम पहुंचे और राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को नमन किया. आज़ादी के 75वें साल पुरे होने पर आज पीएम मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव का शुरुआत किया.
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) ने कहा, ‘हमारे यहां नमक को कभी उसकी कीमत से नहीं आंका गया। हमारे यहां नमक का मतलब है- ईमानदारी। हमारे यहां नमक का मतलब है- विश्वास। हमारे यहां नमक का मतलब है-वफादारी। हम आज भी कहते हैं कि हमने देश का नमक खाया है। ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि नमक कोई बहुत कीमती चीज है। ऐसा इसलिए क्योंकि नमक हमारे यहां श्रम और समानता का प्रतीक है.’
अमृत महोत्सव में पीएम मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि ऐसा लग रहा जैसे तीर्थों का संगम हुआ है, यह गौरवशाली और एतिहासिक पल है. आज से चरखा अभियान शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि ये वैश्विक शांति और विकास का महोत्सव है. पीएम मोदी ने कहा कि गांधी जी की एक यात्रा ने अपनी आजादी को लेकर भारत के नजरिए को पूरी दुनिया तक पहुंचा दिया था. बापू की दांडी यात्रा में भारत के स्वभाव और भारत के संस्कारों का समावेश था.
130 करोड़ देशवासी आजादी के इस अमृत महोत्सव से जब जुड़ेंगे, लाखों स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणा लेंगे, तो भारत बड़े से बड़े लक्ष्यों को पूरा करके रहेगा।
अगर देश और समाज के लिए हर हिंदुस्तानी एक कदम चलता है, तो देश 130 करोड़ कदम आगे बढ़ जाता है।#AmritMahotsav pic.twitter.com/jZbhEa1FtU— Narendra Modi (@narendramodi) March 12, 2021
प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के आंदोलन की ज्योति को निरंतर जागृत करने का काम, पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, हर दिशा में, हर क्षेत्र में, हमारे संतो-महंतों, आचार्यों ने किया था. एक प्रकार से भक्ति आंदोलन ने राष्ट्रव्यापी स्वाधीनता आंदोलन की पीठिका तैयार की थी.
"સમય જેટલો પ્રાચીન, સૂર્ય જેટલો તેજસ્વી, આકાશ જેટલો વિશાળ આપણા ભારતનો ઈતિહાસ"
તો ચાલો સૌ અમૃત મહોત્સવની તૈયારીમાં યોગદાન આપીએ. pic.twitter.com/sX87RLJxsn
— BJP Gujarat (@BJP4Gujarat) March 12, 2021
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘1857 का स्वतंत्रता संग्राम, महात्मा गांधी का विदेश से लौटना, देश को सत्याग्रह की ताकत फिर याद दिलाना, लोकमान्य तिलक का पूर्ण स्वराज्य का आह्वान, सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज का दिल्ली मार्च, दिल्ली चलो का नारा कौन भूल सकता है। आजादी के आंदोलन की इस ज्योति को निरंतर जागृत करने का काम, पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, हर दिशा में, हर क्षेत्र में, हमारे संतो-महंतों, आचार्यों ने किया था।’
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Updated On: March 12, 2021 6:25 pm