फरीदाबाद के निकिता तोमर मर्डर केस (Nikita Tomar Murder Case) में फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला आ गया है. कोर्ट ने मुख्य आरोपी तौसीफ और उसके दोस्त रेहान को दोषी करार दिया है. इस केस में तीसरे आरोपी अजरुद्दीन को बरी कर दिया गया है. 26 मार्च को सजा पर बहस होगी. बता दें कि बीते साल 26 अक्टूबर को निकिता तोमर को धर्म परिवर्तन के लिए मना करने पर तौसीफ ने गोली मार दी थी.
फैसला सुन भावुक हुए निकिता के पिता
कोर्ट का फैसला सुन निकिता के पिता भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि ये पांच महीने का वक्त हमारे लिए बहुत मुश्किल था. ऐसे आरोपियों को जीने का अधिकार नहीं है. आरोपियों की सजा के लिए दो दिन और इंतजार कर लेंगे. उन्हें फांसी ही होनी चाहिए.
वकील ने की फांसी की मांग
पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा कि अदालत ने तौसीफ और रेहान को हत्या का दोषी करार दिया है. अजहरुद्दीन को बरी कर दिया गया है. 26 मार्च को सजा पर बहस होगी. हम दोषियों के लिए फांसी की मांग करेंगे.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में बीते साल 26 अक्टूबर को निकिता की हत्या हुई थी. निकिता के मर्डर की पूरी वारदात CCTV में कैद हो गई थी. 27 अक्टूबर को पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने आरोपी तौसीफ और उसके दोस्त रेहान को गिरफ्तार किया था. इसके बाद तौसीफ के एक और दोस्त अजरुद्दीन को गिरफ्तार किया गया. अजरुद्दीन पर देसी कट्टे का इंतजाम करने का आरोप था.
जांच में तेजी दिखाते हुए पुलिस ने 11 दिन के भीतर ही चार्जशीट फाइल कर दी. पुलिस ने चार्जशीट में 64 लोगों को गवाह बनाया. फास्ट ट्रैक कोर्ट होने की वजह से करीब हर रोज इस मामले की सुनवाई हुई. फरवरी महीने में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की गई. सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पुलिस ने 10 अन्य लोगों को गवाह बनाया.
ट्रायल के दौरान पीड़ित पक्ष की ओर से 55 गवाहों की गवाही ली गई. बचाव पक्ष ने भी 2 गवाह अदालत में पेश किए थे. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आज अपना फैससा सुना दिया. कोर्ट ने तौसीफ और उसके दोस्त रेहान को हत्या का दोषी करार दिया है, जबकि उसके दोस्त अजरुद्दीन को बरी कर दिया गया है.
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