लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीन सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद केंद्र की मोदी सरकार एक्शन में है. मोदी सरकार हर दिन चीन की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाने के लिए कड़े और बड़े फैसले ले रही है जो अब तक किसी पिछली सरकार ने चीन को सबक सिखाने के लिए नहीं लिया. आपको बता दें गलवान घाटी में हुई हिसंक झड़प के बाद हमारे 20 सैनिक शहीद होने के बाद भारत और चीन के बीच तनाव अपने चरम स्तर पर है. तो चलिए जान लेते है कि भारत ने चीन को तगड़ा झटका देने के लिए अब तक क्या-क्या किया है.
भारत सरकार ने 59 एप पर लगाई रोक
भारत ने चीन को आर्थिक चोट पहुंचाने के लिए सबसे पहले मोदी सरकार ने भारत में काम कर रहे 59 चाइनीज मोबइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया. Tik tok, Cam scaner, Share It, Helo, Vigo Video, UC Browser, Club Factory, Mi Video Call-Xiaomi, Viva Video, WeChat और UC News जैसे मशहूर चाइनीज मोबइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दी है. सरकार ने प्रतिबंध लगते हुए कहा कि ये ऐप्स देश की बाहरी और आंतरिक सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है.
The loss of Chinese internet company ByteDance – mother company of Tik Tok — could be as high as $6 billion after Indian government banned 59 Chinese apps including #TikTok, following deadly border clash between Indian and Chinese troops last month: source https://t.co/4nyXX8iP5Z pic.twitter.com/RyghiI05iS
— Global Times (@globaltimesnews) July 1, 2020
इन ऐप्स पर प्रतिबन्ध लगाने से चीन को करोड़ो का नुकसान हुआ है. चीन की ग्लोबल टाइम्स ने भारत में टिकटॉक के रोक लगने से कंपनी को होने वाले नुकसान को लेकर ट्वीट किया है। ग्लोबल टाइम्स लिखा है, ‘चीनी इंटरनेट कंपनी बाइटडांस- जोकि टिकटॉक की पैरेंट कंपनी है, उसे भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव के बाद भारत सरकार द्वारा बैन किए जाने की वजह से 6 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है.’
हाइवे प्रोजेक्ट और एमएसएमई सेक्टर में रोक
मोदी सरकार ने चीन को आर्थिक मोर्चे पर घरेने के लिए देश में हाइवे प्रोजेक्ट और एमएसएमई सेक्टर में भी चाइनीज कंपनियों पर रोक लगा दी है. केंद्रीय सड़क परिवहन और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश में हाइवे प्रोजेक्ट के लिए चीन की कंपनियों को बोली लगाने की इजाजत नहीं होगी. इसके अलावा अगर चीन की कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम वाली कंपनी को भी बोली लगाने की इजाजत नहीं होगी. यही नहीं उन कंपनियों को भी दूर रखा जाएगा, जिनमे चीन की किसी कंपनी की हिस्सेदारी होगी या संयुक्त उपक्रम होगे.
रेलवे प्रोजेक्ट्स में भी प्रतिबंध
भारतीय रेलवे ने चीनी फर्म बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल एंड कम्युनिकेशन कंपनी लिमिटेड के साथ चल रहे प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया था. इस प्रोजेक्ट के तहत चीनी कंपनी कानपुर से दीन दयाल उपाध्याय रेलवे सेक्शन के बीच काम कर रही थी. इसके तहत 417 किमी के सेक्शन में सिग्नलिंग और टेलीकॉम का काम दिया गया था. इसका टेंडर 417 करोड़ का था.
Railways to terminate contract of Chinese firm due to 'poor progress' on signalling and telecommunication work on Eastern Dedicated Freight Corridor's 417-km section between Kanpur and Mughalsarai: Officials.
— Press Trust of India (@PTI_News) June 18, 2020
कंपनी पर लापरवाही करने का आरोप है. इसके साथ ही एमएमआरडीए (MMRDA ) ने मोनोरेल रेक्स के लिए नीलामी की प्रक्रिया रद्द कर दी है. मोनो रेल को लेकर चीन की दो कंपनियों ने बोली लगाई थी. लेकिन सीमा विवाद के चलते इसे भारत ने रद्द कर दिया है.
टेलीकॉम सेक्टर
टेलीकॉम मंत्रालय ने बीएसएनएल और एमटीनल को चाइनीज कंपनियों से दूरी बनाने का निर्देश दिया है. निर्देशों के मुताबिक 4जी फैसिलिटी को अपग्रेड करने के मामले में किसी चीनी कंपनी के उपकरणों का इस्तेमाल न हो. सारे टेंडर नए सिरे से जारी हों. निजी ऑपरेटर चाइनीज कंपनियों पर निर्भरता तेजी से कम करना शुरू कर दें. तनाव के कारण चीनी स्मार्टफोन और टेलीकॉम उपकरण की दिग्गज कंपनी हुआवेई को भारी झटका लगा है
पावर सेक्टर
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा है कि, पावर प्रोजेक्ट के लिए चीन से जो भी सामान इम्पोर्ट होता था, अब सरकार उसे रेगुलेट कर सकती है. इस क्षेत्र में कस्टम ड्यूटी को बढ़ाया जा सकता है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत इतनी ताकत रखता है कि हम आर्थिक लेवल के साथ-साथ युद्ध क्षेत्र में भी चीन को धकेल सके. आज पूरी दुनिया भारत के साथ है, इसमें भारत के मजबूत नेतृत्व का हाथ है.
देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूज़ आधार के साथ. हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newsaadhaar और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @news_aadhaar पर क्लिक करें.
Updated On: July 5, 2020 3:17 pm