देश में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन की वजह से पिछले दो महीने से प्रवासी मजदूरों पीने और उनके रोजगार ले लिए समस्या पैदा हो गई है. इसी वजह से अलग अलग राज्यों से प्रवासी मजदूर अपने घर के लिए निकल पड़े. भारतीय रेलवे ने श्रमिक ट्रैन चलाकर मजदूरों को अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचा रही हैं. अब केंद्र सरकार ने इन प्रवासी मजदूरों के लिए एक मेगा प्लान तैयार किया हैं. इसके लिए मोदी सरकार ने देश के 6 राज्यों में स्थित 166 जिलों की पहचान की गई है. ये वही राज्य है जहा लॉकडाउन के दौरान के सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर वापस अपने घर लौटे हैं। इन्हीं राज्यों में प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार और पुनर्वास की योजनाएं चलाई जाएंगी.
मोदी सरकार ने लड़कियों की शादी और मां बनने को लेकर लिया यह बड़ा फैसला
केंद्र सरकार की तरफ से चयनित 116 जिलों में सबसे ज्यादा 32 जिले, बिहार के हैं. उसके बाद यूपी के 31 जिले है. मध्यप्रदेश के 24, राजस्थान के 22, झारखंड के 3 और ओडिशा के 4 जिले हैं. केंद्र सरकार के इस प्लान के तहत लॉकडाउन के दौरान अपने राज्यों और गांव वापस लौटने वाले करोड़ो प्रवासी मजदूरों के रोजगार और पुनर्वास के लिए पूरा खाका तैयार किया गया है. इन 116 जिलों में सोशल वेलफेयर और डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम को मिशन मोड में चलाया जाएगा। जिसका उद्देश्य लॉकडाउन के दौरान लौटने वाले मजदूरों के लिए रोजगार, आजीविका गरीब कल्याण सुविधाओं और कौशल विकास के लाभ को सुनिश्चित करना है.
केंद्र सरकार ने इन छह राज्यों के 116 जिलों में मनरेगा, स्किल इंडिया, किसान कल्याण योजना, पीएम आवास योजना, जनधन योजना, खाद्य सुरक्षा योजना के साथ-साथ केंद्र की अन्य योजनाओं के तहत मिशन मोड में काम किए जाने का प्लान है. इसके अलावा पीएम मोदी द्वारा एलान किए गए ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत इन जिलों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. सरकार का इसके पीछे मकसद यह हैं कि घर लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए आजीविका, रोजगार, कौशल विकास और गरीब कल्याण सुविधाओं का लाभ मुहैया करना है. केंद्र सरकार के मंत्रालयों को कहा गया है कि दो हफ्ते में इन जिलों को ध्यान में रखकर योजनाओं का प्रस्ताव तैयार करके पीएमओ भेजें.
मोदी सरकार के इस योजना का उठा सकते हैं लाभ, अगर महीने की सैलरी 15 हजार से कम है
देश में फैले कोरोना वायरस महामारी के बीच केंद्र सरकार मजदूरों के संकट को ध्यान में रखते हुए कुछ अहम फैसले लेने जा रही है, जिससे मजदूरों को रोजगार दिलाया जा सके.