यूपी विधानसभा (UP Assembly) के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) का समापन हो गया है. विधानसभा अनिश्चतकाल के लिए स्थगित हो गई है. शनिवार को सत्र के आखिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सदन को संबोधित किया, इस दौरान कानून व्यवस्था से लेकर तमाम मुद्दों पर विपक्ष को जवाब दिया. संबोधन के आखिर में सीएम योगी ने शायरी पढ़ी. इसमें उन्होंने इशारों-इशारों में विपक्षी दलों को जवाब दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे श्लोक आते हैं, शायरी नहीं आती. लेकिन आज कुछ बोलना चाहूंगा-
चमन को सींचने में कुछ पत्तियां झड़ गई होंगी,
यहीं इल्जाम लग रहा है हम पर बेवफाई का,
चमन को रौंद डाला जिन्होंने अपने पैरों से,
वही दावा कर रहे हैं इस चमन की रहनुमाई का.
इससे पहले सीएम योगी ने यूपी में चल रही ब्राह्मण सियासत पर विपक्ष को जवाब दिया. उन्होंने कहा कि फिर से समाज को बांटने की कोशिश की जा रही है. ये वे ही लोग हैं, जिन्होंने राम भक्तों पर गोलियां चलवाई थीं. जो लोग आज जातिवाद का नारा लगा रहे हैं, जब सत्ता में आते हैं तो कन्नौज के नीरज मिश्रा नाम के बीजेपी के कार्यकर्ता का सिर काटकर घुमाते हैं और उस शर्मनाक घटना के बाद भी जनता से माफी नहीं मांगते हैं. ये वही लोग हैं जो तिलक और तराजू की बात कर इस समाज को बार-बार गाली देते थे. आज नए रूप से उमंग के माहौल को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं.
राम और परशुराम में तात्विक रूप से कोई भेद नहीं
सीएम योगी ने कहा कि राम और परशुराम में तात्विक रूप से कोई भेद नहीं है. दोनों ही भगवान विष्णु के अवतार हैं. ये केवल बुद्धि का भेद है. जहां बुद्धि का स्तर संकीर्ण और छोटा होता है वे लोग भ्रम में पड़ते हैं. लेकिन तात्विक रूप से शास्त्र ने कोई भेद नहीं माना है. सीएम ने इस दौरन तुलसीदास द्वारा रचित धनुष प्रसंग का जिक्र किया और कहा कि अगर इन लोगों ने राम और परशुराम को समझा होता तो ऐसा नहीं करते. दुर्भाग्य है इन लोगों का कि ये देश की खुशी के साथ खुश नहीं हो सकते.
रोम की बात करनेवाले भी अब राम-राम चिल्लाने लगे
इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गणेश चतुर्थी की बधाई के साथ अपना संबोधन शुरू किया. हम सबके लिये ये गौरव का विषय है कि 492 वर्षों से चला आ रहा विवाद ख़त्म हुआ है. मर्यादा पुरुषोत्तम राम की ताक़त का कुछ लोगों तो अंदाज़ा नहीं था. कुछ लोगों की कुंठा उनकी बातों में निकल रही है.
Source: News 18