कर्नाटक राज्य में जारी सियासी घमासान के बीच आज कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट से दोहरा झटका लगा है। कांग्रेस को बीजेपी के प्रोटेम स्पीकर के नियुक्ति के मामले पर हार का सामना करना पड़ा है और इसके साथ ही मत विभाजन के मुद्दे पर भी कोर्ट ने कांग्रेस को निराश किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल वजुभाई वाला के फैसले को बहाल रखते हुए बीजेपी के केजी बोपैय्या को ही प्रोटेम स्पीकर बनाए रखने का फैसला किया है। कोर्ट ने ये भी कहा कि इससे पहले भी कई बार कई विधान सभाओं में सीनियर मोस्ट एमएलए को प्रोटेम स्पीकर नहीं बनाया गया है।
राज्यपाल का पक्ष रख रहे अडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि बहुमत का लाइव ब्रॉडकास्ट कराया जाएगा ताकि पारदर्शिता बनी रहे। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी चैनलों को लाइव ब्रॉडकास्ट का एक्सेस मिलना चाहिए। इस पर कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भी सहमति जताई है। लाइव टेलीकास्ट को कांग्रेस ने अपनी जीत बताया है. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि लाइव टेलीकास्ट से पारदर्शिता आएगी और ये उनकी जीत है.
कर्नाटक में नवनिर्वाचित बीएस येदियुरप्पा सरकार को आज शाम 4 बजे अपना बहुमत साबित करना है, राज्यपाल वजुभाई वाला ने अप्रत्याशित तौर पर बोपैया को प्रोटेम स्पीकर के लिए चुना. राज्यपाल ने उन्हें पद की शपथ भी दिला दी.
इस बीच कर्नाटक विधान सभा में प्रोटेम स्पीकर बोपैया सभी नव निर्वाचित विधायकों को शपथ दिला रहे हैं। मुख्यमंत्री बी एस येदुरप्पा, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया समेत कई वरिष्ठ विधायकों ने शपथ ली है। उधर, शक्ति परीक्षण के लिए दोनों तरफ से विधायकों को अपनी-अपनी तरफ लामबंद करने की कोशिशें जारी हैं। बीजेपी के कुल 104 विधायक हैं।
बहुमत के लिए 111 विधायकों की जरूरत है। बीजेपी की तरफ से दावा किया जा रहा है कि उसके पास पर्याप्त संख्या बल है। फिलहाल चार विधायक विधानसभा नहीं पहुंचे हैं। इनमें से दो कांग्रेस के विधायक हैं और दो जेडीएस के विधायक हैं। आनंद सिंह और प्रताप गौड़ा कांग्रेस के विधायक हैं जो अभी तक सदन नहीं पहुंच सके हैं। पहले से इस बात की आशंका जताई जा रही है कि ये दोनों विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं।
कौन हैं बोपैया
बोपैया का पूरा नाम है कोम्बारना गणपति बोपैया और वह चौथी बार विधायक चुने गए हैं. वह पहले भी प्रोटेम स्पीकर रहे हैं. वह 2008 से 2013 के बीच स्पीकर भी रहे हैं.
वह विराजपेट विधानसभा क्षेत्र से लगातार 3 बार चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं. इस बार का चुनाव भी उन्होंने इसी सीट से जीता है.