Indian Parliament History: जानिए भारतीय संसद भवन का इतिहास

Indian Parliament History in Hindi: भारत का संसद भवन विश्व के शानदार भवनों में से एक है जिसका निर्माण अंग्रेजो के द्वारा वर्ष 1921 में शुरू किया गया था और यह 1927 में बनकर तैयार हुआ था.
Indian Parliament History: जानिए भारतीय संसद भवन का इतिहास

Indian Parliament History: जानिए भारतीय संसद भवन का इतिहास

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Indian Parliament History: भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और उस लोकतंत्र की सबसे खूबसूरत तस्वीर हमारा पार्लियामेंट या संसद भवन है जहां पर जनता द्वारा चुने गए सांसद हमारे देश और राज्य का नेतृत्व करते है. क्या आपको संसद भवन का इतिहास (Bhartiya Sansad History) पता है? ये कब बना था? किसने बनवाया था? अगर नहीं पता है तो आज हम आपको इसके बारे में पुरे विस्तार से बताने जा रहे है.

संसद भवन का इतिहास – Indian Parliament History in Hindi

कब बना था संसद भवन

भारत का संसद भवन विश्व के शानदार भवनों में से एक है जिसका निर्माण अंग्रेजो के द्वारा वर्ष 1921 में शुरू किया गया था और यह 1927 में बनकर तैयार हुआ था. भवन के निर्माण कार्य में कुल 83 लाख रुपये की लागत आई थी. संसद भवन का शिलान्यास ड्यूक आफ कनाट ने किया था और इसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन वायसराय लार्ड इरविन ने किया था.

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संसद भवन आकार

भवन के आकार की बात करे तो यह एक वृत्ताकार भवन है. जिसका व्यास 170.69 मीटर है. इसकी परिधि 1/2 किलोमीटर से अधिक  है. संसद भवन लगभग छह एकड़ में फैला हुआ है. इसमें 12 दरवाजे हैं, जिसमें गेट नम्बर 1 मुख्य द्वार है. पार्लियामेंट के पहले तल का गलियारा 144 मजबूत खंभों पर टिका है. प्रत्येक खंभे की लम्बाई 27 फीट (8.23 मीटर) है.

संसद भवन के निर्माता

भारत का संसद भवन विश्व के किसी भी देश में उपस्थित वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है. इसका डिजाइन उस समय के मशहूर वास्तुविद लुटियंस ने किया था और इसका निर्माण कार्य सर हर्बर्ट बेकर के निरीक्षण में संपन्न हुआ था. गोलाकार गलियारों के कारण शुरू में सर्कलुर हाउस कहा जाता था. संसद भवन को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा गया जो इस प्रकार है – लोकसभा, राज्यसभा और केंद्रीय हाल

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लोकसभा (Lok Sabha In Hindi)

लोकसभा के सदस्‍यों की अधिकतम संख्‍या 552 है. जिसमें 530 सदस्‍य राज्‍यों का, 20 सदस्‍य संघ राज्‍य क्षेत्रों का प्रतिनिधित्‍व करते हैं. लोकसभा कक्ष अर्धवृत्ताकार है जो कि 4800 वर्ग फीट में फैला हुआ है. इसके मध्य में स्पीकर की कुर्सी है.

जहाँ पर लोकसभा का अध्यक्ष बैठता है. लोकसभा में 550 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है. स्पीकर की कुर्सी के दाहिनी ओर सत्ता पक्ष के लोग बैठते हैं और बायीं ओर विपक्ष के लोग बैठते हैं.

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राज्यसभा (Rajya Sabha In Hindi)

राज्यसभा को संसद का उच्च सदन भी कहते है. इसमें सदस्यों की बैठने की संख्या 250 है. जिनमे 12 सदस्य भारत के राष्ट्रपति के द्वारा नामांकित होते हैं. इन्हें ‘नामित सदस्य’ कहा जाता है. राज्यसभा में सदस्य 6 साल के लिए चुने जाते हैं और भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति होता है.

केंद्रीय हाल (Central Hall of Parliament)

संसद में एक केंद्रीय कक्ष भी है जो गोलाकार है. इसके गुंबद का व्यास 98 फीट (29.87 मीटर) है. केंद्रीय हाल का इतिहास में विशेष महत्व है. भारतीय संविधान का प्रारूप भी इसी केंद्रीय हाल में तैयार किया गया था. वर्तमान में केंद्रीय हाल का उपयोग दोनों सदनों की संयुक्त बैठकों के लिए होता है, जिसको राष्ट्रपति संबोधित करते हैं.

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