Military Exercises: रूस में चीन और पाकिस्तान की सेना के साथ अभ्यास करेगी भारतीय सेना

सीमा पर चीन और पाकिस्तान के साथ लोहा ले रही भारतीय सेना अगले महीने रूस में इन देशों की सेना के साथ सैन्य अभ्यास करेगी। भारतीय सेना की एक टुकड़ी 'कावकाज 2020' में भाग लेगी।
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सीमा पर चीन और पाकिस्तान के साथ लोहा ले रही भारतीय सेना अगले महीने रूस में इन देशों की सेना के साथ सैन्य अभ्यास करेगी। भारतीय सेना की एक टुकड़ी ‘कावकाज 2020’ में भाग लेगी। अगले महीने होने जा रहे रणनीतिक कमान-पोस्ट अभ्यास में चीन और पाकिस्तान समेत विभिन्न देश भाग लेंगे। अभ्यास में रूस समेत विभिन्न देशों के 12,500 से ज्यादा सैनिक भाग लेंगे। भारतीय टुकड़ी में इन्फैंट्री, आर्टिलरी, मैकेनाइज्ड और बख्तरबंद बल के साथ ही विशेष बल, एयर डिफेंस और सिग्नल शामिल होंगे। टुकड़ी में नौसेना और वायुसेना के कर्मी भी होंगे।

15 से 26 सितंबर के बीच आयोजित होगा अभ्‍यास 

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चीन अपनी सेना की एक टुकड़ी भेजने जा रहा है। इसके अलावा अभ्यास में वह अपनी नौसेना के तीन युद्धपोत भी तैनात करेगा। यह अभ्यास दक्षिण रूस के अस्ट्राखान क्षेत्र में 15 से 26 सितंबर के बीच आयोजित किया जाएगा। इस अभ्यास का लक्ष्य साझेदारी में सुधार लाना है। इसमें शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों, भारत, चीन, पाकिस्तान, रूस, कजाखिस्तान, किरगिस्तान, तजाकिस्तान और उजबेकिस्तान के अलावा मंगोलिया, सीरिया, ईरान, मिस्र, बेलारूस, तुर्की, अजरबैजान, आर्मीनिया और तुर्कमेनिस्तान की सेनाएं भी भाग लेंगी। रूस द्वारा आंशिक रूप से मान्यता दिए गए अबखाजिआ और दक्षिण ओसेटिआ की टुकड़ी भी मौजूद रहेगी। भाग लेने वाले देश कोविड-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करेंगे।

भारत और बांग्लादेश की सेनाओं ने किया था संयुक्‍त अभ्‍यास 

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इससे पहले भारत और बांग्लादेश की सेनाओं के बीच आपसी सहयोग और मेलजोल बढ़ाने के उद्देश्य से वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘संप्रीति-9’ का नौवां संस्करण 3 फरवरी, 2020 को मेघालय के उमरोई में शुरू हुआ। 14 दिवसीय यह सैन्य अभ्यास 3 से 16 फरवरी तक चला था। इस दौरान दोनों देशों के सैनिक संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत उग्रवाद व आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए पर्वतीय और जंगली इलाकों में काउंटर टेररिज्म ऑपरेशनों के साथ कमांड पोस्ट एक्सरसाइज और फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज आदि किया था। साथ ही आपदा प्रबंधन के लिए नागरिक अधिकारियों को सहायता देने में उनके सामरिक और तकनीकी कौशल को परखा था।

Source: Jagran

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