भारत चीन सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को भारतीय सेना के तीनो अंगों को 300 करोड़ रूपये तक के अपने स्तर पर हथियार और और गोला-बारुद खरीदने का अधिकार दे दिया है. चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा पर बढ़ते गतिरोध की वजह से भारतीय सेना को तुरंत हथियारों को खरीदने के लिए ये अधिकार केंद्र सरकार ने दिए है. जिससे सेना को जरुरत पड़ने पर किसी भी हथियारों की कमी न हो पाए.
रक्षा मंत्रालय की तरफ से बयान में कहा गया, ‘यह खरीद की समय-सीमा को घटाएगा और छह महीने के भीतर आदेशों की पूर्ति सुनिश्चित करेगा और एक साल की भीतर डिलीवरी शुरू कर देगा.’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया. रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘डीएसी ने 300 करोड़ रुपये तक की तात्कालिक पूंजीगत खरीद से जुड़े मामलों को आगे बढ़ाने के लिए सशस्त्र बलों को अधिकार प्रदान कर दिए जिससे कि वे अपनी आपात अभियानगत जरूरतों को पूरा कर सकें.’
इससे पहले, रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 2 जुलाई 2020 को 38,900 करोड़ रुपये के हथियार और गोला-बारुद खरीदने की स्वीकृति दी थी. इसमें लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही भारतीय वायुसेना के लिए 33 नए लड़ाकू विमान शामिल है.