India China Border Tension: गलवान घाटी में भारत और चीन सेना के बीच हुए हिंसक झड़प के बाद चीन से निपटने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने भारतीय सेना को 500 करोड़ रुपए की इमरजेंसी फंड जारी किया है. इस फंड का उपयोग सेना हथियार खरीदने के लिए करेगी. यानी सरकार ने सेना की जरुरत के मुताबिक 500 करोड़ रुपए तक के घातक हथियार, गोला और बारूद खरीदने की छूट दी है. भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये अधिकार फास्ट ट्रैक प्रोसीजर के तहत जरूरी हथियारों की खरीद के लिए दिये गये हैं. ऐसा पहले भी किया गया है.
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इसके साथ ही चीन के साथ लगती 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तैनात सशस्त्र बलों को चीन के किसी भी आक्रमक बर्ताव का ‘मुंह तोड़’ जवाब देने की ‘पूरी आजादी’ दी गयी है. आज ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ लद्दाख में हालात पर उच्च स्तरीय बैठक की. इस बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने हिस्सा लिया.
आपको बता दें 15 जून 2020 रात को गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीन सेना के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. जिनमे एक सेना के कमांडिंग अफसर शामिल थे. चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने 20 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इस मीटिंग में पांच से अधिक सांसदों वाली पार्टी को आमंत्रित किया गया था. बैठक में पीएम मोदी ने नरेंद्र मोदी ने चीन को दो टूक संदेश दिया और कहा कि भारत शांति और दोस्ती चाहता है, लेकिन देश के स्वाभिमान की रक्षा सबसे पहले है.
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