Heart diseases symptoms: जानिए हृदय रोग के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज

Heart diseases symptoms: हृदय की धमनियों में रुकावट आ जाने से हृदय की मांसपेशी कमजोर व अल्पक्रियाशील हो जाती है. जिसकी वजह से हृदय काम करना बंद कर देता और हार्ट अटैक आता है. आज के इस लेख में हम आपको हृदय रोग के लक्षण, बचाव और घरेलु उपायों के बारे में बताएंगे.
Heart diseases symptoms: जानिए हृदय रोग के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज (Image Source: Pixabay)

Heart diseases symptoms: जानिए हृदय रोग के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज (Image Source: Pixabay)

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Heart diseases symptoms: विश्व में इस समय होने वाली कुल मौतों में से लगभग 30 प्रतिशत मौतें हृदय रोगों के कारण हो रही हैं. साधारणतः हृदय एक मिनट में लगभग 72 से 75 बार धड़कता है. इस प्रकार चौबीस घंटे में हृदय के स्पंदनों की संख्या एक लाख से अधिक हो जाती है. हृदय अपना कार्य सुचारु रूप से करता रहे, इसके लिए आवश्यक हैं कि हृदय की धमनी के द्वारा हृदय की मांसपेशी को पर्याप्त रक्त मिलता रहे.

अगर हृदय की मांसपेशियों तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में कोई रुकावट आ जाए, तो हृदय की मांसपेशी को रक्त कम मिल पाता है. उपरोक्त में से किसी भी कारण से जब हृदय की मांसपेशी को रक्त कम मिलता है, तो हृदय की कार्य करने की क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. हृदय की धमनियों में रुकावट आ जाने से हृदय की मांसपेशी कमजोर व अल्पक्रियाशील हो जाती है. जिसकी वजह से हृदय काम करना बंद कर देता और हार्ट अटैक आता है.  आज के इस लेख में हम आपको हृदय रोग के लक्षण, बचाव और घरेलु उपायों के बारे में बताएंगे

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हृदय रोग के लक्षण क्या है? (Heart diseases symptoms)

इस अवस्था में थोड़ी सी मेहनत करने या सीढ़ियां चढ़ने से सांस फूलने लगता है. कभी-कभी सीने में दर्द भी महसूस होता है. बेचैनी, घबराहट, चक्कर आना आदि लक्षण मिल सकते हैं.

हृदय रोग से बचाव के लिए सावधानियां

  1. हृदय रोगों से बचाव हेतु कम वसा वाला शाकाहारी भोजन करना चाहिए. वसायुक्त आहार के सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ने से हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है. अतः घी, मक्खन, क्रीम एवं नारियल तेल के प्रयोग से बचना चाहिए.
  2. भोजन में फल, सब्जियों व सलाद की मात्रा बढ़ानी चाहिए, क्योंकि इनके प्रयोग से शरीर में कोलेस्ट्राल का स्तर घटता है.
  3. तम्बाकू, मदिरा व अन्य नशीले पदार्थों के सेवन से ब्लडप्रेशर बढ़ता और धमनियों में काठिन्य उत्पन्न हो जाता है.
  4. ध्यान व योग के द्वारा तनाव से मुक्ति मिल सकती है. साथ ही सात्विक विचार और व्यवहार भी तनाव मुक्ति में सहायता करते हैं.
  5. शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर घटाने व धमनी काठिन्य से बचाव हेतु व्यायाम अति आवश्यक है और रोज 10 मिनट से आधा घंटा समय व्यायाम के लिए निकालकर हृदय रोगों से बचा जा सकता है.

हृदय रोग के लिए घरेलू उपाय

  1. अर्जुन की छाल पानी में उबाल कर लगातार प्रयोग करने से हृदय रोगों में लाभ पहुंचता है. छाल का चूर्ण भी प्रयोग किया जा सकता है.
  2. सुबह खाली पेट लहसुन की एक-दो कलियां पानी के साथ लेने से कोलेस्ट्रोल के स्तर में कमी आती है.
  3. प्याज का रस व शहद एक चम्मच मिलाकर सुबह खाली पेट लें.
  4. आंवले का चूर्ण एक एक चम्मच सुबह-शाम पानी से लें. कच्चा आंवला उपलब्ध हो तो 2-3 आंवले सुबह-शाम चबाकर खाएं.
  5. 1 नीबू का रस 1 गिलास पानी में डालकर सुबह-शाम लें.
  6. मौसमी, संतरे, अनार व गाजर में से किसी एक का रस सुबह-शाम एक-एक गिलास लें.
  7. पीपल की कोपलों का रस 1 चम्मच व शहद एक चम्मच मिलाकर प्रातः सायं लें.

रोग से जुड़े हुए कुछ FAQs

Q. हृदय रोग के लक्षण क्या है?

Ans. मेहनत करने या सीढ़ियां चढ़ने से सांस फूलने लगता है. कभी-कभी सीने में दर्द भी महसूस होता है. बेचैनी, घबराहट, चक्कर आना आदि लक्षण मिल सकते हैं.

Q. हृदय एक मिनट में कितनी बार धड़कता?

Ans. हृदय एक मिनट 72 से 75 बार धड़कता है.

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