Heart Disease Symptoms: दिल की बीमारी के लक्षण, कारण और उपचार

Heart Disease Symptoms: पूरी दुनिया में लोगों के गलत आदत, आलस्य और बदलती जीवनशैली की वजह से हृदय से सम्बंधित बीमारियां बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है.
Heart Disease Symptoms: दिल की बीमारी के लक्षण, कारण और उपचार (Image Source: Pixabay)

Heart Disease Symptoms: दिल की बीमारी के लक्षण, कारण और उपचार (Image Source: Pixabay)

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Heart Disease Symptoms: पूरी दुनिया में लोगों के गलत आदत, आलस्य और बदलती जीवनशैली की वजह से हृदय से सम्बंधित बीमारियां बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है. इसलिए दिल से संबंधित जितनी भी बीमारियां हैं अब आपको उनपर गौर करने का वक्त आ गया है. भारत में हृदय रोगों के कारण होने वाली मौतों की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में वृद्धि देखी गई है.

दिल की बीमारी किसी भी व्यक्ति हो सकती है. आपको बता दें दिल की बीमारी के भी कई प्रकार होते हैं. इसलिए आज इस लेख में हम आज हृदय रोग, उनसे जुड़े हुए लक्षण, हृदय रोग के कारण से जुड़े सभी कुछ विस्तार से जानेंगे.

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हृदय रोग क्या हैं?

बता दें, किसी भी मनुष्य का दिल 1 मिनट में लगभग 72 बार धडक़ता है और पुरे 24 घंटों में 1,00,800 बार. एक दिन में मानव हृदय तकरीबन 2000 गैलन खून की पंपिंग करता है और इसके साथ ही पुरे शरीर को ऑक्सीजन भी प्रदान करता है. लेकिन जब हृदय के सामान्य कार्य गड़बड़ा जाते हैं, तो हृदय रोग उत्पन्न होते हैं.

हृदय रोग के कारण

रोग का मुख्य कारण सबसे अधिक धूम्रपान और चिकनाईयुक्त भोजन का सेवन करने से होती है. हालांकि, उच्च रक्तचाप, ज्यादा चर्बी, अधिक कोलेस्ट्रोल और मधुमेह भी हृदय रोग के मुख्य कारण हैं. इसके अलावा मोटापा, गुर्दों का संक्रमण, ब्लड प्रेशर, ज्यादा श्रम, मल-मूत्र रोकने और आहार-विहार में प्राकृतिक नियमों की अवहेलना और शारीरिक व्यायाम न करना आदि से रक्त में वसा की मात्रा बढ़ जाती है.

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हृदय रोगों के प्रकार

  1. कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD): यह एक चिकित्सा स्थिति है जब कोरोनरी धमनियों – जो हृदय को ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति के लिए जिम्मेदार हैं – पट्टिका जमा के कारण क्षतिग्रस्त होते हैं.
  2. अतालता (अर्हिद्मिया): यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें अनियमित धड़कन होती है. उदाहरण के लिए, टैकीकार्डिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें हृदय तीव्र गति से धड़कता है.
  3. कार्डियोमायोपैथी: एक समस्या जहां हृदय की मांसपेशियां बड़ी और मोटी हो जाती हैं.
  4. एथेरोस्क्लेरोसिस: यह एक चिकित्सा स्थिति है जहां धमनियां सख्त हो जाती हैं.
  5. आमवाती हृदय रोग: एक ऐसी स्थिति जहां दिल के वाल्व स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, जो आमवाती बुखार (रुमैटिक फीवर) के कारण होता है.
  6. हार्ट इंफेक्शन: बैक्टीरिया या वायरस के कारण दिल में संक्रमण.
  7. जन्मजात हृदय दोष: ऐसी स्थितियां हृदय से संबंधित असामान्यताएं हैं जो रोगी के जन्म से मौजूद हैं. उदाहरण के लिए, दो दिल कक्षों के बीच एक छेद.

मुख्य लक्षण

  • छाती में बाईं ओर तीव्र पीड़ा होना या दबाव सा महसूस होना, कभी पसीना आने और सांस तेजी से चलना.
  • कभी-कभी छाती में दर्द न होकर शरीर के अन्य भागों जैसे कंधे, बाएं हाथ, बाईं ओर गर्दन, नीचे के जबड़े में, कोहनी में या कान के नीचे वाले हिस्से में में दर्द होना भी हृदय रोग का लक्षण है.
  • पेट में जलन, भारीपन लगना, उल्टी होना और कमजोर आदि भी लक्षण हृदय रोगियों में देखे जाते हैं.
  • मधुमेह के रोगियों को बिना दर्द किसी दर्द के भी हृदयरोग का आक्रमण हो सकता है जिससे जान तक जा सकती है.

हृदय रोग से बचने के उपाय

हृदय रोग से बचने के लिए आप रोजाना प्राणायाम, आसन, व्यायाम, रोज सुबह आधा घंटा घूमने जाना और शाकाहारी भोजन करना लाभकारी रहेगा और नशीले पदार्थों बिल्कुल भी सेवन ना करें.

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