अपनी सूझभूझ से सैकड़ो लोगों की जान बचाने वाले सुपरहीरो स्वप्न देब बर्मा को अब त्रिपुरा सरकार सम्मानित करने जा रही है। बता दे, स्वप्न देब बर्मा एक दिहाड़ी मजदूर है जो कि मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते है.
बता दे कि, 15 जून को स्वप्न देब बर्मा और उनकी बेटी सोमती ने त्रिपुरा के अंबासा इलाके में एक टूटे रेलवे ट्रैक पर आ रही ट्रेन को अपनी सूझबूझ और चतुराई से रुकवा दिया था, जिसके कारण एक बड़ा हादसा टल गया था। और सैकड़ो लोगों की जान बच गई। इन दोनों के इस साहसिक काम की जानकारी होने के बाद त्रिपुरा सरकार अब इन्हें सम्मानित करने की योजना बनाई है।
बता दे कि, स्वप्न देब बर्मा त्रिपुरा के अगरतला के पास एक दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं। बीती 15 जून को काम पर निकलते समय उन्होंने टूटे रेलवे ट्रैक को देखा था। इसके बाद उन्होंने इस रेलखंड पर आती एक ट्रेन को अपने पास मौजूद एक तौलिये को दिखाकर रोकने का इशारा किया। कुछ देर तक जब ट्रेन नहीं रुकी तो स्वप्न ने ट्रैक पर ही दौड़ लगाकर ड्राइवर को इसकी जानकारी देने की कोशिश की।
जिसके बाद ट्रेन के लोको पायलट ने इस बात को नोटिस करते हुए तत्काल इमर्जेंसी ब्रेक लगाकर गाड़ी रोक दी। इसके बाद स्वप्न ने चालक दल के सदस्यों को ट्रैक टूटे होने की जानकारी दी। यात्रियों को जब यह बात पता चली तो वे भी स्वप्न देबबर्मा की बहादुरी और सूझबूझ के कायल हो गए और सभी ने दिल से उसे धन्यवाद दिया। क्रिकेटर वीरेन्द्र सहबाग ने इसकी बहादुरी की सराहना करते हुए स्वप्न देब बर्मा को रियल नेशनल हीरो बताया है।
मंत्री ने घर बुलाकर किया सम्मानित
एक साहसिक प्रयास के कारण अब देश के लिए हीरो बने स्वप्न को त्रिपुरा की सरकार ने सम्मानित करने की योजना बनाई है। शुक्रवार को त्रिपुरा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सुदीप रॉय बर्मन ने स्वप्न देब बर्मा और उनकी बेटी सोमती को अपने घर बुलाकर उन्हें उनके साहसिक काम के लिए सम्मानित किया है। शुक्रवार को मंत्री सुदीप रॉय बर्मन ने कहा कि स्वपन देब बर्मा और उनकी बेटी को सम्मानित करने की योजना बनाई जा रही है। मंत्री ने कहा कि दोनों के साहसिक कार्य के विषय को सरकार के समक्ष उठाया जाएगा, जिससे कि इन्हें सम्मानित किया जा सके।