भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार को दिल्ली में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे। वो लम्बे समय से बीमार चल रहे थे और उनका 11 जून से एम्स में इलाज चल रहा था।
एम्स में उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। उनकी हालत बुधवार 15 अगस्त रात से ही बेहद नाजुक बनी हुई थी। खबर मिलते हीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के कई वरिष्ठ नेता और मंत्री भी वाजपेयी का हाल-चाल जानने एम्स पहुंचे थे। और उसके बाद देशभर में उनके स्वास्थ्य के लिए दुआओं का दौरा शुरू हो गया था। वाजपेयी को 2014 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
एम्स की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, हम काफी दुख के साथ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 16 अगस्त शाम 5:05 मिनट पर निधन के बारे में सूचित कर रहे हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार, वाजपेयी को 11 जून को यहां भर्ती कराया गया था और बीते 9 हफ्ते से उनकी हालत स्थिर बनी हुई थी। दुर्भाग्य से, बीते 36 घंटे से उनकी हालत काफी बिगड़ गई और उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखना पड़ा। बेहतर प्रयास के बावजूद हमने आज उन्हें खो दिया।
अटल बिहारी वाजपेयी भारत के 3 बार प्रधानमंत्री रहे। वह पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार सिर्फ 13 दिनों तक ही चल पाई थी। 1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार 13 महीनों तक चली थी। 1999 में वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और 5 सालों का कार्यकाल पूरा किया। वाजपेयी अपना कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे।