Diabetes Symptoms: डायबिटीज के लक्षण, प्रकार और कम करने के उपाय

Diabetes Symptoms in Hindi: डायबिटीज (Diabetes) वालों के लिए सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि उन्हें पता ही नहीं होता कि वो इस रोग से पीड़ित है या हो धीरे-धीरे हो रहे है. इसलिए आज के लेख में हम आपको मधुमेह या डायबिटीज के प्रकार और लक्षण के बारे में बताएंगे-
ब्लड शुगर घटने और बढ़ने के पांच संकेत, डायबिटीज रोगी न करें इनको नजरअंदाज

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Diabetes Symptoms in Hindi: आज कल के समय में मधुमेह या डायबिटीज (Diabetes) केवल भारत में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व के लिए एक खतरनाक बीमारी के रूप में उभरती जा रही है. मधुमेह या डायबिटीज मुख्य रूप से आपकी जीवन शैली सम्बन्धी या अनुवांशिक रोग के रूप में जाना जाता है.

पिछले कुछ सालों में इस मधुमेह से ग्रसित मरीजों की संख्यां में बहुत इजाफा हो रहा है. इसका मुख्य कारण हमारा जीवनशैली, रहन-सहन और खान-पान. इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है लेकिन आप अपने खान-पान में सुधार, जीवन शैली में परिवर्तन से इसे कण्ट्रोल कर सकते हैं.

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डायबिटीज (Diabetes) वालों के लिए सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि उन्हें पता ही नहीं होता कि वो इस रोग से पीड़ित है या हो धीरे-धीरे हो रहे है. इसलिए आज के लेख में हम आपको मधुमेह या डायबिटीज के प्रकार और लक्षण के बारे में बताएंगे-

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मधुमेह के प्रकार (Types Of Diabetes)

1. टाइप-1 मधुमेह (Type 1 Diabetes )

टाइप-1 मधुमेह (Type 1 Diabetes ) मुख्य रूप से बचपन से युवावस्था में होती है. यह मुख्य रूप से पैनक्रियास के बीटा में इन्फेक्शन के कारण होती है जिससे इन्सुलिन को उत्पन नहीं किया जा सकता. आम तौर पर इसके रोगी नियमित रूप से बाहर से इंसुलिन शरीर में लेते हैं.

2. टाइप-2 मधुमेह (Type 2 Diabetes )

टाइप-2 मधुमेह (Type 1 Diabetes ) मुख्य रूप से वयस्कों में होती है और इसमें शरीर सही रूप से इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता. मधुमेह टाइप 2 मे अग्नाशय (पैनक्रियाज) की कार्य क्षमता कम हो जाती है जिसकी वजह से इंसुलिन हार्मोन का बनना कम हो जाता है और जो इंसुलिन हार्मोन बनता भी है वो भी प्रभावी रूप से कार्य नहीं कर पाता है. अगर मधुमेह टाइप 2 इलाज़ लेने के बाद ठीक भी हो जाए तो इसके फिर से होने की फिर संभवना होती है.

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मधुमेह या डायबिटीज के लक्षण (Diabetes Symptoms in Hindi)

1. आँखों में धुंधलापन कम होना

मधुमेह के शुरुवाती समय में आपकी आँखे कमजोर हो सकती है या धुंधला दिखना शुरू हो सकता है.

2. निरन्तर भूख लगना

ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) का अधिक या कम होने के कारण कोशिकाओं को जरुरी ग्लूकोज़ नहीं मिल पाता जिस वजह से बार-बार भूख लगती है. यदि आप अन्य दिनों की अपेक्षा अपनी भूख में अधिक वृद्धि देखते है तो जरूर चेकअप कराएं.

3. बार-बार पेशाब आना

जब आपका शरीर इंसुलिन का सही ढंग से उपयोग नहीं कर पता है तो शुगर बढ़ने से बार बार पेशाब आता है. यह शुगर पेशाब के द्वारा बाहर आता है और आपको बार बार पेशाब की शिकायत होगी.

5. अधिक प्यास लगना

बार-बार पेशाब आने की वजह से आपकी प्यास बढ़ जाती है. बार-बार पानी पीने का दिल करता है लेकिन प्यास नहीं बुझती.

6. जल्दी थकान होना

डायबिटीज में आपके शरीर का शुगर लेवल जब बढ़ रहा होता है, तो शरीर में थकान बढ़ जाती है. ग्लूकोस आपकी कोशिकायें में पूर्ण रूप से नहीं पहुँच पाता और यही कारण है के रोगी को नींद भी अधिक आती है.

7. घाव जल्दी न भरना या संक्रमण

मधुमेह रोगी के शरीर में संक्रमण का भी खतरा ज्यादा बना रहता है. जिसकी वजह से रोगी का घाव भी जल्दी नहीं भरता है और बहुत देर से सही होता है घाव.

8. वजन कम होना

मधुमेह के रोगियों का वजन एकदम से कम होता है. इसका मुख्य कारण है यह है कि शरीर की विभिन कोशिकाओं को ग्लूकोस की आपूर्ति न होना.

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शुगर कम करने के उपाय (Treatment of Diabetes in Hindi)

  1. नियमित योगाभ्यास से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है. अनुलोम-विलोम प्राणायाम और कपालभाती-क्रिया से अग्नाशय (पैनक्रियाज) की कार्य क्षमता बढ़ती है.
  2. खाने-पीने मे मीठे भोज्य-प्रदार्थ जैसे चीनी, गुड़, आलू , मिठाई और चॉकलेट आदि का सेवन कम से कम करना चाहिए. क्योंकि मीठे भोज्य-प्रदार्थ मे शर्करां की मात्रा ज्यादा होती है.
  3. अगर आपका शुगर कंट्रोल नहीं हो रहा है तो आप मेथी के दाने का दिन मे 3 से 4 बार सेवन करने से बहुत फायदा मिलेगा. मेथी दाना को आप पानी मे भिगो कर इसका पानी पी सकते है और सीधे भी इसे खा सकते है.
  4. रोजाना करेले का जूस सेवन करने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने से रोका जा सकता है. क्योंकि इसमें इंसुलिन होता है जिसे पॉलीपेप्टाइड भी कहा जाता है. करेले का जूस बॉडी में ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को कंट्रोल में रखता है. करेले के जूस को खाली पेट पीने की कोशिश करें.

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