पुरे विश्व के देशों में कोरोना वायरस ने हाहाकार मचा रखा है. इस खतरनाक वायरस के खात्मे के लिए दुनियाभर में लगभग 150 वैक्सीन पर डॉक्टर्स काम कर रहे है. इनमे से Moderna, Pfizer, AstraZeneca और bharat biotech कंपनियों के कोरोना वैक्सीन तीसरे चरण के परीक्षण तक पहुंच गई हैं. आइए आपको बताते है कि इन कंपनियों की कोरोना वैक्सीन कबतक आपके लिए उपलब्ध होगी और इन वैक्सीन की कीमत क्या रहेगी.
मॉडर्ना कोरोना वैक्सीन
अमेरिका की दवा कंपनी मॉडर्ना के कोरोना वैक्सीन का फेज तीन का ट्रायल चल रहा है. इसका सबसे बड़ा ट्रायल शुरू हो चुका है. 30 हजार लोगों को वैक्सीन की जाएगी। यह इसका फाइनल और आखिरी ट्रायल है. Moderna वैक्सीन पर अमेरिका का कहना है कि इस साल के आखिर तक तैयार हो सकती है. कंपनी अमेरिका के नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के साथ मिलकर काम कर रही.
कंपनी ने अभी कोरोना वैक्सीन के कीमत के बारे में अभी कुछ आधिकारिक बयान नहीं दिया है। अमेरिका ने एक बिलियन डॉलर का निवेश इस वैक्सीन के निर्माण के लिए कर चुका है।
फाइजर कोरोना वैक्सीन
अमेरिकी दवा कंपनी निर्माता फाइजर पहले और दूसरे टेस्ट में सफल होने के बाद अब फाइनल स्टेज की तरफ आ चुकी है. इसमें 30 हजार लोगों को कोरोना का यह टीका दिया जाना है. इस वैक्सीन को Pfizer और BioNTech मिलकर बना रहे हैं. फाइजर के मालिकों का भी दावा है कि इसे साल के आखिर तक तैयार कर लिया जाएगा.
इस वैक्सीन की कीमत तय नहीं हुई है लेकिन अमेरिकी सरकार से हुए सौदे के हिसाब से देखें तो हर डोज करीब 1500 रुपये की पड़ेगी. अमेरिका ने कोरोना वैक्सीन के लिए इस कंपनी के साथ 10 करोड़ डोज की डील की है.
ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी वैक्सीन
ब्रिटेन की ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी इस वैक्सीन को AstraZeneca कंपनी के साथ मिलकर बना रही है. पहले और दूसरे ट्रायल के बाद अब ब्राजील और साउथ अफ्रीका में इस वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल शुरू हो चुका है. आपको बता दें, भारत की सीरम कंपनी भी ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर इस कोरोना वैक्सीन के प्रोडक्शन में है.
इस कोरोना वैक्सीन का भारत में नाम कोविडशील्ड हो सकता है. सब ठीक रहने पर इस वैक्सीन की इमरजेंसी डोज अक्टूबर तक तैयार की जा सकती हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि भारत में इसकी कीमत 1000 रुपये प्रति टीका रखी जाएगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका, यूरोपियन यूनियन के देश, ब्रिटेन ने बुकिंग कर ली है. भारतीय कंपनी सीरम इन्हें बनाएगी तो साल के आखिर तक देश को कुल बनाई खुराक का आधा हिस्सा दिया जाएगा.
सिनोफॉर्म कोरोना वैक्सीन
चीन की दवा कंपनी सिनोफॉर्म ने जुलाई में तीसरे फेज का ट्रायल शुरू किया है. अबू धाबी के हेल्थ मिनिस्टर इसको टेस्ट करनेवाले पहले वॉलंटियर बने थे. कुल 1500 लोगों पर यह ट्रायल होना है. चीन इसे साल के आखिर तक पब्लिक यूज के लिए लॉन्च कर सकता है.
बायोटेक कोरोना वैक्सीन
भारत की दवा कंपनी बायोटेक और ICMR मिलकर कोरोना वैक्सीन बना चुके हैं. इसे कोवैक्सीन नाम दिया गया है. फिलहाल इसके पहले और दूसरे फेज के ट्रायल चल रहे हैं. पहले इसके 15 अगस्त तक आने की बात कही गई थी. लेकिन अब इसे 2021 की शुरुआत में लॉन्च करने की तैयारी है.
रूस कोरोना वैक्सीन
मॉस्को की सेचेनोव यूनिवर्सिटी ने 38 वालंटियर्स पर क्लिनिकल ट्रायल पूरा किया था. साथ ही साथ, रूस की सेना ने भी पैरलल सारे ट्रायल दो महीने में सरकारी गमलेई नैशनल रिसर्च सेंटर में पूरे किए. गमलेई सेंटर के हेड अलेक्जेंडर जिंट्सबर्ग ने सरकारी न्यूज एजेंसी TASS को बताया कि उन्हें उम्मीद है कि वैक्सीन 12 से 14 अगस्त के बीच ‘सिविल सर्कुलेशन’ में आ जाएगी. अलेक्जेंडर के मुताबिक, प्राइवेट कंपनियां सितंबर से वैक्सीन का बड़े पैमाने पर प्रॉडक्शन शुरू कर देंगी.
Input form NBT