मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार तीसरे दिन गुरुवार को भी भ्रष्टाचार पर चौतरफा वार जारी रखा। उन्होंने निलंबित किए गए प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दीक्षित और महोबा के एसपी मणिलाल पाटीदार की संपत्ति की विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए। दोनों पर जिलों में थानेदारों की तैनाती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर धन उगाही के आरोप लगे थे।
साथ ही मुख्यमंत्री ने जिला पंचायत राज अधिकारियों द्वारा सुलतानपुर व गाजीपुर समेत कई जिलों में ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मामीटर की खरीद में भ्रष्टाचार की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी। एसआईटी को दस दिन में दोषियों के बारे में रिपोर्ट देने को कहा गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिलों में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई और शाहजहांपुर में डिप्टी आरटीओ के कार्यालय में छापा मारकर चार लाख रुपये नकद बरामद किए गए, साथ ही 15 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया। वहीं महोबा में नए तैनात किए गए एसपी ने दो थानेदारों समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
डीएम व कमिश्नर विकास के साथ कानून व्यवस्था की करेंगे पैनी मॉनिटरिंग
प्रदेश सरकार ने तय किया है कि कानून-व्यवस्था और विकास कार्यों पर अब बैठक अलग-अलग होगी। कानून-व्यवस्था की बैठक डीएम की अध्यक्षता में अब पुलिस लाइन्स में हुआ करेगी। लखनऊ व गौतमबुद्ध नगर में कानून-व्यवस्था की बैठक पुलिस कमिश्नर की अध्यक्षता में होगी। मंडल स्तर पर कमिश्नर कानून-व्यवस्था की बैठक करेंगे। विकास के कामों की विभागवार समीक्षा डीएम 10 तारीख तक व कमिश्नर 15 तारीख तक कर लेंगे।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर कानून-व्यवस्था व विकास कार्यों की समीक्षा की प्रक्रिया में यह महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है। सरकार का फोकस इन कामों में तेजी लाने पर है। इसी कारण कानून-व्यवस्था पर बैठक अलग से कराने का निर्णय लिया गया है।
इन बैठकों में प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों की गहन समीक्षा होगी। मसलन कानून-व्यवस्था की बैठक में प्रमुख अपराधों पर कार्यवाही, पाक्सो एक्ट, गुंडा एक्ट , गिरोहबंद एक्ट , रासुका व व गोवध पशुक्ररता निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही की समीक्षा खास तौर पर होगी। महिला उत्पीड़न व 25 हजार से ज्यादा के ईनामी अपराधियों पर कार्यवाही की प्रगति देखी जाएगी।