Chhath Puja 2023: 17 नवंबर 2023 से छठ पूजा का महापर्व शुरू हो चुका है. छठ मैया की पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है. यह त्योहार सूर्य देव और छठी मइया की पूजा के लिए समर्पित है. छठी मैया को सूर्य देव की बहन और संतान के रक्षक के रूप में पूजा जाता है.
छठ पर्व के चार दिन
यह पूजा चार दिनों तक चलती है. पहले दिन, नहाय-खाय के नाम से जाना जाता है, भक्त नदी या तालाब में स्नान करते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं. दूसरे दिन, खरना के नाम से जाना जाता है, भक्त व्रत रखते हैं और मीठा भोजन करते हैं. तीसरे दिन, उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद, भक्त सूर्यास्त में डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. चौथे दिन छठ महापर्व का अंतिम दिन होता है. इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और व्रत का पारण का होता है.
छठ पूजा के लिए इन चीज़ों की ज़रूरत होती है-
- नारियल: छठ पूजा में नारियल का विशेष महत्व है। नारियल को सूर्य देव और छठी मइया का प्रतीक माना जाता है.
- गंगाजल: गंगाजल को पवित्र माना जाता है। छठ पूजा में गंगाजल का उपयोग भगवान सूर्य और छठी मइया को अर्घ्य देने के लिए किया जाता है.
- धूप: धूप को पवित्र माना जाता है। छठ पूजा में धूप का उपयोग भगवान सूर्य और छठी मइया को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है.
- दीप: दीप को प्रकाश और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। छठ पूजा में दीप का उपयोग भगवान सूर्य और छठी मइया को प्रकाश देने के लिए किया जाता है.
- फूल: फूलों का उपयोग भगवान सूर्य और छठी मइया को अर्पित करने के लिए किया जाता है.
- फल: फल भगवान सूर्य और छठी मइया को अर्पित किए जाते हैं.
- मिठाई: छठ पूजा में मीठी मिठाइयों का विशेष महत्व है। मिठाइयों को भगवान सूर्य और छठी मइया को अर्पित किया जाता है.
Chhath Puja 2023: छठ पूजा पर अपनों को इन बधाई संदेशों के जरिए दें शुभकामनाएं
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Updated On: January 26, 2024 9:39 am