Chanakya Niti: चाणक्य एक महान राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ, दार्शनिक, और शिक्षक थे. उनके द्वारा दी गई शिक्षाएं आज भी सही साबित हो रही है. चाणक्य ने मनुष्य के मन का अध्ययन करने के साथ-साथ उसके व्यवहार को भी सुक्ष्म दृष्टि से परखा था. चाणक्य की शिक्षाएं हमें अच्छी नहीं लगती हैं, परंतु अगर आप उनकी शिक्षाओं पर अमल करें तो सामने आने वाली कई परेशानियों से बच सकते हैं।
आज के इस लेख में चाणक्य के द्वारा बताए गए वो चार राज़ जिन्हें आपको हर हाल में गुप्त रखना चाहिए और किसी दूसरे के साथ शेयर नहीं चाहिए।
आचार्य चाणक्य अपने इस श्लोक में इन चार राजों का जिक्र करते हुए कहते हैं कि, “अर्थनाशं मनस्तापं गृहिणीचरितानि च। नीचवाक्यं चाऽपमानं मतिमान्न प्रकाशयेत।”
अथार्त, हमे कभी भी अर्थ नाश यानी अपने धन की हानी का राज किसी को नहीं बताना चाहिए. अगर हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो यथा संभव इस राज को राज ही रखने में भलाई है. क्योंकि समाज में अक्सर लोग गरीब व्यक्ति को आर्थिक मदद करने से कतराते हैं।
चाणक्य ने दूसरी बात ये बताई है कि हमे अपने मन के संताप यानी अपने दुख किसी को नहीं बताना चाहिए. अक्सर लोग हमारे दुखों का मजाक बनाते हैं. ऐसे में हमे किसी बात का दुख हो और हमें पता चले कि लोग उस दुख का मजाक बना रहें हैं तो हमारा दुख औऱ बढ़ जाता है।
चाणक्य के इस श्लोक के अनुसार जो तीसरा राज है, जिसे हर हाल में गुफ्त रखा जाना चाहिए वह है अपनी गृहणी या पत्नी का चरित्र. हमें अपने घर के झगड़े, घरलू क्लेश आदि दूसरों को नहीं बताना चाहिए. इसका समाज में हमारे सम्मान पर नकरात्मक असर पड़ता है।
चाणक्य ने चौथी और अंतिम गुफ्त रखने वाली बात बताते हुए कहा कि यदि कोई नीच व्यक्ति आपका अपमान कर दे तो यह बात किसी को बतई नहीं जानी चाहिए. इस तरह की घटना की जानकारी जब समाज में फैलती है तो लोग हमारा माजाक बनाते हैं जिस वजह से हम्मारे सम्मान को क्षति पहुंचती है।