Chaitra Navratri 2020 Date: चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) हिन्दुओं के मुख्य त्योहारों में से एक हैं. इस साल चैत्र नवरात्रि 25 मार्च यानी कल से शुरू होगा और इसके साथ ही हिन्दू नव वर्ष की शुरुआत होती है. राम नवमी 2 अप्रैल 2020 को मनाई जाएगी. चैत्र नवरात्रि को महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा के तौर पर मनाया जाता है. कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में इस पर्व को उगादि के रूप में मनाया जाता है.
भक्त इन दिनों माता के नौ रूपों की विधि-विधान से पूजा करतें हैं. नवरात्रि के समय भक्त माता के विभिन्न स्वरूपों की आराधना करते है. ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा इन दिनों अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. नवरात्रि के नौ दिन के दौरान मां के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धदात्री की पूजा की जाती है.
चैत्र नवरात्रि महत्वपूर्ण तिथियां (Navratri 2020 Date)
- 25 मार्च 2020: नवरात्रि का पहला दिन, इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है और कलश की स्थापना की जाती है.
- 26 मार्च 2020: नवरात्रि का दूसरा दिन, इस दिन मां ब्रह्मचारिणी पूजा की पूजा की जाती है.
- 27 मार्च 2020: नवरात्रि का तीसरा दिन, इस दिन मां चंद्रघंटा पूजा की पूजा की जाती है.
- 28 मार्च 2020: नवरात्रि का चौथा दिन, इस दिन मां कुष्मांडा पूजा की पूजा की जाती है.
- 29 मार्च 2020: नवरात्रि का पांचवा दिन, इस दिन मां स्कंदमाता पूजा की पूजा की जाती है.
- 30 मार्च 2020: नवरात्रि का छठा दिन, इस दिन मां कात्यायानी पूजा की पूजा की जाती है.
- 31 मार्च 2020: नवरात्रि का सातंवा दिन, इस दिन मां कालरात्रि पूजा की पूजा की जाती है.
- 1 अप्रैल 2020: रनवरात्रि का आठवां दिन, इस दिन मां महागौरी पूजा की पूजा की जाती है.
- 2 अप्रैल 2020: नवरात्रि का नौवां दिन, राम नवमी, महागौरी पूजन, कन्या पूजन, नवमी हवन, नवरात्रि पारण
चैत्र नवरात्रि 2020 पर Kalash Sthapana का शुभ मुहूर्त
- घट स्थापना की तिथि और शुभ मुहूर्त
- घट स्थापना की तिथि: 25 मार्च 2020
- प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 24 मार्च 2020 को दोपहर 2 बजकर 57 मिनट से
- प्रतिपदा तिथि समाप्त: 25 मार्च 2020 को शाम 5 बजकर 26 मिनट तक
- घट स्थापना मुहूर्त: 25 मार्च 2020 को सुबह 6 बजकर 19 मिनट से सुबह 7 बजकर 17 मिनट तक
- कुल अवधि: 58 मिनट
माता को प्रसन्न करने के लिए भक्त नौ दिनों का उपवास भी रखतें है और इन दिंनो घरों में खाना बनाते समय मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन का प्रयोग नहीं किया जाता है. पुरे नौ दिनों तक सात्विक भोजन किया जाता है.
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