Car And Bike Insurance Claim: कार या बाइक दुर्घटना होने के बाद कैसे करें इंश्योरेंस क्लेम, यहां जानिए

Car And Bike Insurance Claim In Hindi: अगर आपको इंश्योरेंस क्लेम में किसी भी तरह की गलती से बचना है तो आज हम आपके लिए कुछ जरुरी टिप्स बताने जा रहे है जिसकी वजह से आप जल्दी से जल्दी अपना इंश्योरेंस क्लेम पा सकते है.
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Car And Bike Insurance Claim In Hindi: भारत में आये दिन कोई ना कोई रोड एक्सीडेंट होता है. जिसके बाद सड़क दुर्घटना में नुकसान हुई कार या बाइक के लिए लोग इंश्योरेंस कम्पनी में इंश्योरेंस क्लेम (Insurance Claim) करते है. लेकिन इंश्योरेंस क्लेम पाने में कई बार कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. और छोटी सी चूक की वजह से आपका क्लेम खारिज भी हो जाता है. अगर आपको इंश्योरेंस क्लेम (Insurance Claim) में किसी भी तरह की गलती से बचना है तो आज हम आपके लिए कुछ जरुरी टिप्स बताने जा रहे है जिसकी वजह से आप जल्दी से जल्दी अपना इंश्योरेंस क्लेम पा सकते है.

कार बाइक इंश्योरेंस क्लेम (Car And Bike Insurance Claim Process)

  1. पॉलिसी धारक ने जिस कंपनी से इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी है उस पॉलिसी के नियम और शर्तों को जरूर पढ़ लें. यह जान लें कि दुर्घटना होने की कितनी अवधि के भीतर क्लेम किया जाना चाहिए. अगर पॉलिसी धारक को यह पता होगा तो फिर क्लेम में देरी से बचेंगे.
  2. अगर दुर्घटना या हादसा हो गया है तो सबसे पहले पुलिस में एफआईआर कराएं. एफआईआर क्लेम के दौरान सबसे महत्वपूर्ण साक्ष्य और दस्तावेज की भूमिका निभाती है.
  3. हादसे के बाद व्यक्ति को क्षत-विक्षत वाहन की तस्वीरें जरूर लेनी चाहिए. हालांकि तस्वीर नहीं होने की सूरत में क्लेम रिजेक्ट नहीं होगा लेकिन उनके रहने पर क्लेम के प्रॉसेस में तेजी आएगी और जल्द से जल्द मुआवजा मिल सकता है.
  4. क्लेम पाने के लिए एप्लीकेशन में सही-सही और ध्यान से जानकारी भरें क्योंकि फॉर्म जमा होने के बाद इंश्योरेंस टीम मौके का मुआयना करती है. हादसे से जुड़े सभी साक्ष्य को भी जमा करती है. अगर आपके द्वारा बताई गई जानकारी में कोई भी अंतर पाया जाता है तो आपका क्लेम खारिज भी हो सकता है.
  5. हादसे के वक्त गाड़ी के चालक के पास लाइसेंस होना जरूरी है. उसने किसी भी प्रकार का नशा न कर रखा हो.
  6. नियमों के मुताबिक अगर सेडान कार में 4 यात्रियों के बैठने की अनुमति है, ऑटोरिक्शा में 3 सवारियां, दोपहिया वाहन पर दो ही लोग सफर कर सकते हैं. अगर जांच टीम यह पाती है कि हादसे के वक्त गाड़ी की क्षमता से ज्यादा सवारियां थीं तो क्लेम खारिज हो सकता है.
  7. जांच के बाद टीम कैशलेस या भरपाई मुआवजा चुन सकती है. कैशलेस के मामले में वाहन को इंश्योरर से संबद्ध किसी गैरेज में रिपेयर कर दिया जाता है. रेंबर्समेंट के मामले में वाहन को किसी भी गैरेज में सही कराकर उसके बिल इंश्योरेंस कंपनी में जमा करने पड़ते हैं.
  8. ध्यान रहे कि जांच से पहले वाहन की मरम्मत कतई न कराएं, नहीं तो उसका क्लेम खारिज होने की संभावना बन जाती है.

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