बेंगलुरु में बीते मंगलवार को देर रात दंगे और आगजनी का भीषण नज़ारा देखने को मिला. 1000 से भी अधिक मुसलमानों की भीड़ ने ऐसा आतंक मचाया कि देखनें वालों की रूह काँप गई. उन्होंने दलित समाज से ताल्लुक रखनें वाले स्थानीय कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के घर को घेर लिया और तोड़फोड़ शुरू कर दी. इन लोगों का आरोप था कि विधायक के रिश्तेदार ने पैगम्बर मुहम्मद को लेकर फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट किया है. जो हमें कतई बर्दाश्त नहीं है.
कानून की बात करें तो, अगर किसी ने किसी भी धर्म के प्रतीक या आस्था पर विवादित पोस्ट की है तो उसके खिलाफ पुलिस स्टेशन में जाकर जाकर शिकायत दर्ज करवाना चाहिए. लेकिन बेंगलुरु में शिकायत लिखवानें के बजाय हजारों मुसलमानों की भीड़ ने पुलिस थानें में घुसकर तोड़फोड़ और आग लगा दी. हिंसा के बाद कांग्रेस के विधायक का घर और डीजे हल्ली और केजी हल्ली पुलिस स्टेशन का बहुत बहुत ही बुरा हाल है. जानकारी के मुताबिक, इस हिंसा में 2 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 60 पुलिसकर्मीं घायल हैं.
बेंगलुरु में हुई हिंसा के बाद अब मांग उठनें लगी है कि यहां भी योगी मॉडल लागू किया जाय. इस मांग की शुरुवात सबसे पहले बेंगलुरु साऊथ लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद और युवा नेता तेजस्वी सूर्या ने की है.
उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को पत्र लिख कर कहा है कि, ‘कि मैं मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से अपील करता हूँ, दंगाइयों को चिन्हित करके इनकी संपत्ति जब्त की जाय. ताकि जो सार्वजानिक सम्पत्ति को नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई की जा सके, इसके लिए सूर्या ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का उदाहरण दिया.’
भाजपा प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी का कहना है कि कर्नाटक में भी योगी माडल की डिमांड, हो भी क्यूँ ना, योगी जी ने ‘ जेहादियो’ को पोस्टरों पर CAA इतने अच्छे से पढ़ाया, कि जुमे के बाद अब सब अच्छे बच्चों की तरह चुपचाप घर जाते हैं, दअसल यही इलाज है इनका।
क्या है योगी मॉडल?
आपको बता दें कि कुछ महीनों पहले देश में नागरिकता संसोधन कानून ( CAA ) के विरोध में राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में हिंसा हुई थी. इस हिंसा में सार्वजानिक संपत्ति को बहुत बड़ा नुकसान हुआ था. लेकिन यूपी में नागरिकता संसोधन कानून ( CAA ) के विरोध में सार्वजानिक सम्पत्ति को जलानें वाले सभी दंगाइयों को चिन्हित करके योगी सरकार ने उनकी तस्वीरें चौराहे पर टंगवा दी थी और जुर्माना भरनें की रशीद घर भेज गईथी. जिस दंगाई ने जितना नुकसान किया, उसी हिसाब से उसकी सम्पत्ति जब्त की गई. योगी सरकार के इस मॉडल की देश-दुनिया में चर्चा खूब होती है.