त्योहारी सीजन के दौरान लोन लेना आम बात है। ज्यादातर लोग इस दौरान नया घर खरीदने या नया वाहन खरीदना शुभ मानते हैं। इसके अतिरिक्त लोग गोल्ड या त्योहार से संबंधित सामान खरीदने के लिए उधार ले सकते हैं। जबकि कारण कोई भी हो उधार लेते समय ध्यान रखना जरूरी है।
एक हिसाब से करें खर्च
खर्च की सीमा के प्रति अज्ञानता पैसे की फिजूल खर्ची कराती है और खर्च की गुणवत्ता को प्रभावित करती है, जिसका अर्थ है कि व्यक्तिगत व्यय के लिए उपयुक्त बजट आवंटित करना जरूरी है। व्यय के लिए ऊपरी और निचली सीमा निर्धारित करना खर्च की व्यावहारिक दिशा सुनिश्चित करता है और कर्ज से उचित लाभ लेने की अनुमति देता है।
लोन लेने का मकसद क्या हो
त्योहारी सीजन में खर्च ज्यादा होता है। अनियोजित कर्ज वित्तीय योजना को संकट में डाल सकता है। इसलिए, कर्ज की उपयोगिता स्पष्ट होनी चाहिए। एक बार जब बजट का पता चल जाएगा तो खर्च भी उसी हिसाब से होगा।
वस्तुओं पर ब्याज दरों की जांच करें
कर्ज के लिए चयन करते समय एक व्यक्ति को विभिन्न कर्ज व्यवस्थाओं के बारे में अच्छी तरह से पता होना चाहिए। इसका मूल तथ्य ब्याज दर है। त्योहारी सीजन के आने का अर्थ है विभिन्न विकल्प और छूट का लाभ मिले।
कर्ज चुकौती को लेकर सहज रहें
कर्ज लेने पर विचार करते समय सबसे जरूरी है कि आप ऐसा टेन्योर चुनें जिसमें आप सहज हों। ऐसा समय हो जब आप अपने लोन को आसानी से चुका सकें।
समय पर कर्ज चुकाना
हमेशा कोशिश रहे कि लोन को समय पर चुका दें। ईएमआई मिस करने या भुगतान में देरी करने से आपकी वित्तीय योजना पर असर पड़ेगा। और अगर आपने समय पर भुगतान नहीं किया तो इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर भी प्रभाव पड़ेगा।
Source: Jagran