Piles Symptoms In Hindi: पाइल्स या बवासीर क्या है? जानें लक्षण और बचाव

बवासीर (Piles Symptoms In Hindi) की बीमारीं आमतौर पर मल त्याग, मोटापा या गर्भावस्था के दौरान से शुरू होते हैं. जब आप मल त्याग करते है तो बैचेनी होना इसका आम लक्षण है.

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Piles Symptoms In Hindi: आजकल लोगों की जीवनशैली इतनी बदल गई है कि जिसकी वजह से वे लोग कई बीमारियों के गिरफ्त में आ रहे है. उसी बीमारी में से एक है पाइल्स या बवासीर. अगर आपको मल त्यागते समय दर्द होता है या खून आता है तो आप बवासीर की बीमारी से ग्रस्त हैं.

आमतौर पर या बीमारी 40 से 60 की उम्र में होता है. लेकिन बदलती जीवनशैली अब ये बीमारी लोगों को पहले भी होने लगा हैं. आज की हेल्थ की श्रृंखला में आपको बवासीर या पाइल्स (Piles) के बारे में पूरे विस्तार से बताएंगे-

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पाइल्स या बवासीर क्या है?

बवासीर (Piles Symptoms In Hindi) की बीमारीं आमतौर पर मल त्याग, मोटापा या गर्भावस्था के दौरान से शुरू होते हैं. जब आप मल त्याग करते है तो बैचेनी होना इसका आम लक्षण है.

बवासीर के अन्य लक्षणों में खुजली और गुदा से रक्तस्राव शामिल होना हैं. बवासीर से आराम पाने के लिए मल को मुलायम करने वाली दवाओं के साथ-साथ उच्च फ़ाइबर वाला आहार लेना चाहिए.

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बवासीर होने के कारण (Piles Causes In Hindi)

कुछ व्यक्तियों में यह रोग पीढ़ी दर पीढ़ी पाया जाता है अतः अनुवांशिकता इस रोग का एक कारण हो सकता है. अगर आप ज्यादा तेल मसाला खाते हैं तो इसे तुरंत छोड़ दें. क्योंकि इसकी वजह से भी बवासीर हो सकता है.

कब्ज के कारण मलाशय की नसों के रक्त प्रवाह में बाधा पड़ती है जिसके कारण वहां की नसें कमजोर हो जाती हैं. आंतों के नीचे के हिस्से में भोजन के अवशोषित अंश अथवा मल के दबाव से वहां की धमनियां चपटी हो जाती हैं. जिसके कारण व्यक्ति को बवासीर ( Piles) हो जाती है.

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बवासीर या पाइल्स के प्रकार (Piles Types In Hindi)

बवासीर 2 प्रकार की होती है पहला ख़ूँनी और दूसरा बादी बवासीर के नाम से जाना जाता है, तो आइए इन दोनों के बारे में विस्तारपूर्वक जानते है-

  1. खूनी बवासीर : खूनी बवासीर में किसी प्रकार की तकलीफ नही होती है केवल खून आता है. पहले पखाने में लगके, फिर टपक के, फिर पिचकारी की तरह से सिफॅ खून आने लगता है। इसके अन्दर मस्सा होता है।
  2. बादी बवासीर : बादी बवासीर रहने पर पेट खराब रहता है. कब्ज बना रहता है. बवासीर की वजह से पेट बराबर खराब रहता है. इसमें जलन, दर्द, खुजली, शरीर मै बेचैनी, काम में मन न लगना इत्यादि।

बवासीर रोग का उपचार (Piles Treatment In Hindi)

  1. बवासीर के रोगी को बादी और तले हुये पदार्थ नही खाने चाहिये, जिनसे पेट में कब्ज की संभावना हो.
  2. हरी सब्जियों का ज्यादा प्रयोग करना चाहिये.
  3. बवासीर से बचने का सबसे सरल उपाय शौच करने के उपरान्त जब मलद्वार साफ़ करें तो गुदा द्वार में उंगली डालकर अच्छी तरह से साफ़ करें. इससे कभी बवासीर नही होता है.

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Updated On: March 13, 2022 8:07 pm

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