क्या आपको आधार कार्ड के वेरिफिकेशन प्रोसेस बारे में पता है? अगर नहीं पता है तो आज हम इस पोस्ट के जरिये इसके बारे में पुरे विस्तार से बताएंगे. पहले आधार कार्ड का वैरिफिकेशन आपकी उंगलियों और आंखों के द्वारा होता था. लेकिन अब UIDAI ने पहचान के लिए एक और तरीके का ऐलान किया है. जिसे आधार फेस रिकग्निशन के नाम से जाना जाता है. यह आधार कार्ड के सत्यापन का दूसरा माध्यम है।
आंकड़ों पर गौर किया जाए तो मई 2018 तक भारत में 1.21 बिलियन यानी करीब 121 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड है. आपको बता दें कि आज के समय में आधार कार्ड हर व्यक्ति के लिए बेहतर महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बिना आप कोई सरकारी योजनाओं का लाभ या इन्कम टैक्स की सुविधा प्राप्त नहीं कर सकते है।
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आधार फेस रिकग्निशन के फायदे (Aadhaar Face Recognition Benefits)
आधार फेस रेकग्निशन का सबसे बड़ा फायदा उन उपभोक्ताओं को होगा जिनका आँख या फिंगरप्रिंट मिलान नहीं हो पाता है. यूआईडीएआई ने कहा कि यह कदम फिंगरप्रिंट में गड़बड़ी की संभावना रोकने या उसकी क्लोनिंग रोकने के लिए उठाया गया है. इस सर्विस से मोबाइल सिम जारी करने और उसे एक्टिव करने की ऑडिट प्रक्रिया और सुरक्षा को मजबूत किया जा सकेगा.
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हालांकि, आधार फेस रेकग्निशन की सुविधा हर उपभोकक़्ता को नहीं मिल पाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि यह सुविधा केवल उन्हीं लोगों के लिए शुरू की जा रही है जिनके पास फोन नहीं है यानी ओटीपी आने का कोई साधन नहीं है।